Maruti Suzuki डबल करेगी अपना टर्नओवर, नये प्लांट्स में तैयार होगी Electric Car और बैटरी
मारुति सुजुकी इंडिया का लक्ष्य 2030-31 तक अपने कारोबार को 2021-22 की तुलना में दोगुना कर 1.68 लाख करोड़ रुपये पर पहुंचाने का है. यह उसकी मूल कंपनी सुजुकी मोटर कॉरपोरेशन की वैश्विक वृद्धि की रणनीति के अनुरूप है.
Maruti Suzuki Future Plans: देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी ने हाल ही में प्रीमियम सेगमेंट का बहुद्देशीय वाहन (एमपीवी) इनविक्टो लॉन्च किया है. कंपनी ने इसके साथ ही अपने फ्यूचर प्लान्स जाहिर किये हैं. मारुति सुजुकी इंडिया का लक्ष्य 2030-31 तक अपने कारोबार को 2021-22 की तुलना में दोगुना कर 1.68 लाख करोड़ रुपये पर पहुंचाने का है. यह उसकी मूल कंपनी सुजुकी मोटर कॉरपोरेशन की वैश्विक वृद्धि की रणनीति के अनुरूप है. कंपनी के प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) हिसाशी ताकेउची ने यह जानकारी दी.
ताकेउची ने कहा कि कंपनी को वित्त वर्ष 2030-31 तक वैश्विक कारोबार 4.32 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाने के सुजुकी मोटर कॉरपोरेशन के लक्ष्य को प्राप्त करने में भारत से बड़ी भूमिका निभाने की उम्मीद है, जो वित्त वर्ष 2021-22 के 2.16 लाख करोड़ रुपये का दोगुना है. आपको बता दें कि कंपनी ने हाल ही में प्रीमियम खंड का बहुद्देशीय वाहन (एमपीवी) इनविक्टो लॉन्च किया है.
इसके साथ ही मारुति सुजुकी इंडिया के भी अपनी मूल कंपनी की तर्ज पर कारोबार दोगुना करने के सवाल पर ताकेउची ने कहा, हां जरूर. क्योंकि हम अपना आयाम दोगुना करना चाहेंगे. उन्होंने कहा, हम उत्पादन इकाई में निवेश करेंगे. हम मानव संसाधन में निवेश करेंगे, जिससे हम 2030 तक उस आकार को संभाल सकें. इसलिए हमारी यही योजना है. मारुति सुजुकी ने 2021-22 में 83,798 करोड़ रुपये की कुल बिक्री दर्ज की थी.
ताकेउची ने कहा कि हरियाणा के खरखौदा में कंपनी के नये मैनुफैक्चरिंग प्लांट का निर्माण जोरों पर है और हम 2025 तक 2.5 लाख यूनिट की वार्षिक मैनुफैक्चरिंग क्षमता वाले पहले प्लांट को चालू करने की योजना बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि एसएमजी (सुजुकी मोटर गुजरात) के साथ मिलकर हमारे पास लगभग 2.2 मिलियन उत्पादन क्षमता है और यह उत्पादन क्षमता 4 मिलियन से अधिक होनी चाहिए, इसके लिए लगभग 2 मिलियन अतिरिक्त क्षमता की आवश्यकता है. अतिरिक्त निवेश इलेक्ट्रिक वाहनों और बैटरी जैसी नयी तकनीक के लिए आवश्यक निवेश से अधिक होगा. अतिरिक्त निवेश इलेक्ट्रिक वाहनों और बैटरी जैसी नयी तकनीक के लिए आवश्यक निवेश से अधिक होगा.