मारुति-सुजुकी ने एस-प्रेसो और ईको मॉडल की 87,599 यूनिट्स को किया रिकॉल, जानें बड़ी वजह

साल 2023 की जनवरी में भी वाहन निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया ने करीब 17,000 से अधिक गाड़ियों का वापस मंगाया था. इसमें ऑल्टो के10, ब्रेजा और बलेनो शामिल थे. इससे पहले कंपनी ने दिसंबर, 2022 भी ईको की 40,453 इकाइयों वापस मंगाया था. ये गाड़ियां चार नवंबर 2019 से 25 फरवरी, 2021 के बीच बनाई गई थीं.

By KumarVishwat Sen | July 25, 2023 9:55 AM

नई दिल्ली : भारत की सबसे बड़ी कार बनाने वाली कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) ने अपने एस-प्रेसो और ईको मॉडल की 87,599 इकाइयों को वापस मंगाने की घोषणा की है. कंपनी की ओर से यह फैसला इन वाहनों में पैदा हो रही स्टीयरिंग रॉड की समस्या दूर करने के लिए किया गया है. कंपनी ने सोमवार को शेयर बाजारों को दी गई सूचना में जानकारी दी है कि इन इकाइयों का उत्पादन पांच जुलाई, 2021 से 15 फरवरी, 2023 के दौरान किया गया था. काफी समय से इन इकाइयों के स्टीयरिंग टाई रॉड में गड़बड़ी की शिकायतें आ रही थीं.

बिना किसी पैसे के गाड़ियों को किया जाएगा ठीक

मारुति ने जारी एक बयान में कहा कि ऐसा संदेह है कि इन वाहनों में इस्तेमाल किए गए स्टीयरिंग टाई रॉड के एक हिस्से में संभवतः गड़बड़ी है. इससे वाहन की स्टीयरिंग के सुचारू संचालन पर असर पड़ सकता है. कंपनी ने कहा कि इस समस्या से प्रभावित वाहनों के मालिकों को अधिकृत वर्कशॉप पर बुलाया जाएगा, जहां पर उनके वाहन के दोषपूर्ण हिस्से को बिना कोई पैसा लिये बदल दिया जाएगा. यह प्रक्रिया 24 जुलाई से शुरू हो रही है. पिछले कुछ वर्षों में किसी भी वाहन विनिर्माता कंपनी का किसी गड़बड़ी के लिए अपने वाहन को वापस बुलाने का यह सबसे बड़ा मामला है.

मारुति-सुजुकी की सबसे किफायती कार है एस-प्रेसो

बताते चलें कि मारुति-सुजुकी इंडिया ने 27 सितंबर 2022 को भारत के कार बाजार में पांच लाख रुपये से कम दाम की किफायती एस-प्रेसो हैचबैक कार को पेश किया था, जो लुक और फीचर्स के साथ ही माइलेज में भी अच्छी बताई जाती है. मारुति सुजुकी एस-प्रेसो को सीएनजी ऑप्शन में भी पेश किया गया था, लेकिन बाद में एस-प्रेसो सीएनजी को डिसकंटीन्यू कर दिया गया. मारुति सुजुकी एस-प्रेसो को Std, LXi, VXi(O) और VXi+(O) जैसे 4 ट्रिम के कुल 6 वेरिएंट्स में पेश किया गया, जिनकी कीमतें 4.25 लाख रुपये से लेकर 5.99 लाख रुपये (एक्स शोरूम) तक है. मारुति एस-प्रेसो में 1.0 लीटर पेट्रोल इंजन लगा है, जो कि 68 PS तक की पावर 90 Nm टॉर्क जेनरेट करता है. इस हैचबैक कार को 5 स्पीड मैनुअल ट्रांसमिशन के साथ ही 5 स्पीड ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन ऑप्शन में पेश किया है. माइलेज के मामले में एस-प्रेसो के स्टैंडर्ड और एलएक्सआई मैनुअल वेरिएंट्स की माइलेज 24.12 kmpl तक की, मैनुअल ट्रांसमिशन के साथ VXi और VXi+ वेरिएंट्स की 24.76 kmpl तक की और ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन ऑप्शन वाले VXi(O) और VXi+(O) वेरिएंट्स की माइलेज 25.30 kmpl तक है.

मारुति-सुजुकी इको वैन

वहीं, मारुति सुजुकी इंडिया ने नवंबर, 2022 में ईको वैन को एक नए और ज्यादा पावरफुल इंजन और बढ़ी हुई माइलेज के साथ लॉन्च किया था. मारुति ने पुराने G12B पेट्रोल इंजन को रिप्लेस कर 2022 मारुति-सुजुकी ईको में नए 1.2-लीटर K सीरीज इंजन जोड़े हैं. 2022 मारुति-सुजुकी ईको की एक्स-शोरूम कीमतें 5.10 लाख रुपये से शुरू होती हैं. 2022 मारुति सुजुकी ईको 13 वेरिएंट में उपलब्ध है, जिसमें 5-सीटर, 7-सीटर, कार्गो, टूर और एम्बुलेंस शामिल हैं. वैन सेगमेंट में हजारों खरीदारों के लिए मारुति ईको एक स्वभाविक पसंद रही है. यह एक बॉक्सी डिजाइन के साथ आती है, जिसके अंदर बहुत ज्यादा जगह मिलता है. इंटीरियर्स सामान्य हैं, जो संभावित ग्राहकों की बुनियादी जरूरतों को पूरा करते हैं. भारत में अपनी तरह की इकलौती ईको अक्सर भारत में भी टॉप 10 कारों में शामिल होती है.

मारुति-सुजुकी ने जनवरी में भी 17000 गाड़ियों को मंगाया था वापस

इससे पहले, साल 2023 की जनवरी में भी वाहन निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया ने करीब 17,000 से अधिक गाड़ियों का वापस मंगाया था. इसमें ऑल्टो के10, ब्रेजा और बलेनो (Baleno) शामिल थे. मारुति-सुजुकी इंडिया ने कहा था कि उसने ऑल्टो के10, ब्रेजा और बलेनो मॉडल के 17,362 वाहनों को खराब एयरबैग की जांच करने तथा उन्हें बदलने के लिए वापस मंगाया है. इसमें ऑल्टो के10, एस-प्रेसो, ईको, ब्रेजा, बलेनो और ग्रैंड विटारा के मॉडल शामिल हैं. ये गाड़ियां आठ दिसंबर 2022 से 12 जनवरी 2023 के बीच बनाई गई थीं.

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दिसंबर 2022 में वापस मंगाई थी ईको 40,453 इकाइयां

इससे पहले कंपनी ने दिसंबर, 2022 भी ईको की 40,453 इकाइयों वापस मंगाया था. ये गाड़ियां चार नवंबर 2019 से 25 फरवरी, 2021 के बीच बनाई गई थीं. साथ ही, इनमें कुछ ऐसी ईको गाड़ियां भी थीं, जिनमें हेडलैंप फील्ड में बदला गया था.

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