गुजरात में सुजुकी के प्लांट का अधिग्रहण करेगी मारुति, उत्पादन क्षमता में होगी बढ़ोतरी
वाहन निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी ने यह भी कहा है कि वह 2030-31 तक उत्पादन क्षमता को लगभग 40 लाख कार प्रति वर्ष तक बढ़ाने की योजना बना रही है, जो मौजूदा स्तर से लगभग दोगुना है. इसके लिए ऑटो कंपनी नए प्लांट लगाने का लक्ष्य लेकर चल रही है.
नई दिल्ली : भारत की वाहन निर्माता कंपनी मारुति-सुजुकी अपने प्रतिद्वंद्वी ब्रांड सुजुकी के गुजरात प्लांट का अधिग्रहण करने का फैसला किया है. मारुति सुजुकी ने घोषणा की है कि वह गुजरात में सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन के प्लांट के लिए उसके साथ समझौता खत्म कर रही है. मारुति सुजुकी कानूनी और नियामक अनुपालन के अधीन सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन (एसएमसी) से सुजुकी मोटर गुजरात प्राइवेट लिमिटेड (एसएमजी) के शेयरों का अधिग्रहण करेगी. सुजुकी मोटर गुजरात प्लांट का पूर्ण स्वामित्व सुजुकी मोटर कॉरपोरेशन के पास माना जाता था, लेकिन नए कदम के साथ, यह पूरी तरह से मारुति सुजुकी के स्वामित्व में होगा.
उत्पादन क्षमता बढ़ाने की योजना
वाहन निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी ने यह भी कहा है कि वह 2030-31 तक उत्पादन क्षमता को लगभग 40 लाख कार प्रति वर्ष तक बढ़ाने की योजना बना रही है, जो मौजूदा स्तर से लगभग दोगुना है. इसके लिए ऑटो कंपनी नए प्लांट लगाने का लक्ष्य लेकर चल रही है. कार ब्रांड ने कहा है कि वह वर्तमान में कई स्थानों पर उत्पादन सुविधाएं स्थापित करने की व्यवहार्यता का अध्ययन कर रहा है.
मारुति के मुनाफे में बढ़ोतरी
इस बीच, वाहन निर्माता कंपनी ने अपना पहला तिमाही परिणाम जारी किया है, जिससे पता चलता है कि यूटिलिटी वाहनों के आधार पर ऑटो कंपनी का मुनाफा दोगुना से अधिक हो गया है. मारुति सुजुकी पिछली कुछ तिमाहियों से एसयूवी और एमपीवी की सीरीज पर बड़ा दांव लगा रही है और उसकी रणनीति सफल रही है. दुनिया भर की तरह भारत भर में एसयूवी और एमपीवी की बढ़ती मांग पर नजर रखते हुए मारुति सुजुकी ने अपने एरेना और नेक्सा रिटेल आउटलेट के माध्यम से यूटिलिटी वाहनों पर तेजी से ध्यान केंद्रित करना शुरू कर दिया है. वाहन निर्माता ने एसयूवी और एमपीवी की अपनी सीरीज के माध्यम से भारतीय यूटिलिटी वाहन बाजार में बड़ी हिस्सेदारी हासिल करने की अपनी महत्वाकांक्षा भी व्यक्त की है.
मारुति को 24.85 बिलियन का लाभ
महंगे और मार्जिन बढ़ाने वाले यूटिलिटी वाहनों की अधिक बिक्री से कार निर्माता की बिक्री मात्रा में काफी फायदा हुआ. 30 जून को समाप्त तिमाही में मारुति सुजुकी ने 24.85 बिलियन का शुद्ध लाभ कमाया. दिलचस्प बात यह है कि मारुति सुजुकी के अंतिम तिमाही के नतीजे उसके प्रतिद्वंद्वी टाटा मोटर्स के समान थे, जिसका मुनाफा भी अनुमान से कहीं अधिक था.
अहमदाबाद के हंसलपुर बेचराजी गांव में सुजुकी का प्लांट
बता दें कि वाहन निर्माता कंपनी सुजुकी मोटर गुजरात (एसएमजी) प्राइवेट लिमिटेड सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन के स्वामित्व वाला एक ऑटोमोटिव विनिर्माण संयंत्र है. सुजुकी मोटर का यह प्लांट गुजरात के अहमदाबाद जिले के मंडल तालुका के हंसलपुर बेचराजी गांव में बना है. यह भारत में पहला और एकमात्र सुजुकी ऑटोमोबाइल विनिर्माण प्लांट है, जिसका पूर्ण स्वामित्व एक विदेशी कंपनी के रूप में सुजुकी के पास है. बाकी के प्लांट मारुति सुजुकी के स्वामित्व में हैं. यह संयंत्र मारुति सुजुकी को घरेलू बाजार और विदेशी बाजारों में वाहनों की आपूर्ति करता है.
गुजरात में सुजुकी के चार प्लांट
सुजुकी मोटर के गुजरात प्लांट 1 फरवरी 2017 को खोला गया था और इसकी कुल वार्षिक क्षमता 750,000 यूनिट है. इस प्लांट ने सुजुकी को भारत से 2 मिलियन यूनिट्स का निर्यात हासिल करने में मदद की है. सुजुकी मोटर का गुजरात में फिलहाल चार प्लांट हैं, जिसमें प्लांट-ए फरवरी 2017 में खोला गया, जिसकी कुल वार्षिक क्षमता 250,000 है और फिलहाल यह बलेनो को असेंबल कर रहा है. इसके अलावा, सुजुकी का प्लांट बी जनवरी 2019 में चालू हुआ था और इसकी कुल वाहन उत्पादन क्षमता 250,000 है. फिलहाल यह स्विफ्ट को असेंबल कर रहा है. प्लांट सी ने अप्रैल 2021 में 250,000 की वार्षिक क्षमता के साथ उत्पादन शुरू किया और फिलहाल डिजायर को असेंबल कर रहा है. पावरट्रेन प्लांट की वार्षिक क्षमता 500,000 इंजन और 500,000 पावरट्रेन बनाने की है.
अगस्त 2022 को गाड़ा मिल का पत्थर
सबसे बड़ी बात यह है कि फरवरी 2017 में उत्पादन शुरू होने के केवल 3 साल और 9 महीने बाद सुजुकी के इस प्लांट ने 21 अक्टूबर 2020 को 10 लाख उत्पादन का आंकड़ा पार कर लिया. यह मील के पत्थर तक पहुंचने वाली सुजुकी की सबसे तेज उत्पादन साइट है. इसने 20 अगस्त 2022 को 20 लाख यूनिट के उत्पादन का आंकड़ा पार कर लिया. इसने फरवरी 2017 में उत्पादन शुरू करने के बाद 5 साल और 6 महीने में यह उपलब्धि हासिल की है और यह किसी भी सुजुकी उत्पादन संयंत्र में सबसे तेज है. उत्पादित 20 लाखवां वाहन दक्षिण अफ़्रीकी विशिष्टताओं वाली बलेनो थी.