WhatsApp, MeitY, Social Media Guidelines: सोशल और डिजिटल मीडिया को लेकर सरकार की गाइडलाइन पर विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. फेसबुक के मालिकाना हक वाली मैसेजिंग ऐप व्हाट्सऐप ने भारत सरकार के नये मीडिया नियमों के खिलाफ अदालत का रुख किया है, जिसमें बुधवार को लागू होने वाले नियमों को रोकने की मांग की गई है.
भारत सरकार के आईटी मंत्रालय (MEITY) ने बुधवार को व्हाट्सऐप (Whatsapp) को जवाब देते हुए कहा कि वह निजता का सम्मान करते हैं और उनका इरादा इसका उल्लंघन करना नहीं है. भारत सरकार ने यह भी कहा कि जब उन्हें किसी खास व्हाट्सऐप चैट के बारे में जानने की जरूरत होगी, तो यह निजता के उल्लंघन का मामला नहीं होगा.
आईटी मंत्रालय की तरफ से दिये गए जवाब में कहा गया है कि व्हाट्सऐप निजता के नाम पर गुमराह कर रही है. सरकार की तरफ से दिये गए जवाब में यह भी कहा गया है कि भारत में निजता संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकार के तहत आता है, लेकिन इसके साथ कुछ तर्कसंगत पाबंदियां भी हैं.
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केंद्र सरकार ने कहा है कि भारत में जो भी सर्विस दी जा रही है, उसे यहां का कानून मानना होगा. अगर व्हाट्सऐप भारत के कानूनों को मानने से इनकार करता है, तो उसे नियमों का उल्लंघन माना जाएगा. सरकार ने आगे यह भी कहा कि नये कानून का व्हाट्सऐप की सर्विस और यूजर्स पर कोई असर नहीं होगा.
बता दें कि नये आईटी नियमों में व्हाट्सऐप और उस तरह की कंपनियों को अपने मैसेजिंग ऐप पर भेजे गए मैसेज के ओरिजिन, यानी जहां से सबसे पहले संदेश भेजा गया, का पता रखना होगा. वहीं, भारत सरकार की आईटी मिनिस्ट्री ने अपनी गाइडलाइन्स को लेकर मजबूती से अपना पक्ष रखा है. साथ ही यह भी बताया है कि देश में लोगों के हक और हितों की रक्षा के लिए इस गाइडलाइन की जरूरत क्यों है.
केंद्र सरकार के आईटी मंत्रालय ने यह भी साफ कर दिया कि व्हाट्सऐप को किसी खास मैसेज का सोर्स बताने की जरूरत तब तक नहीं है, जब तक वह देश की सुरक्षा और संप्रभुता से ना जुड़ा हुआ हो. सरकार ने यह भी कहा कि यूरोपीय देशों में सरकार को सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स पर न्यायोचित रूप से दखल की अनुमति है. भारत सरकार ने कहा है कि इस मामले में दूसरे देश जो मांग कर रहे हैं, हमारी डिमांड उसके मुकाबले बहुत कम है.
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आपको बता दें कि केंद्र सरकार के नये डिजिटल नियमों को लेकर इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप व्हाट्सऐप ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर यूजर की प्राइवेसी पर असर का हवाला दिया है. ऐप का कहना है कि ये नियम उसे यूजर्स के प्राइवेसी की सुरक्षा को तोड़ने पर बाध्य करेंगे.
कानून के अनुसार, व्हाट्सऐप को सिर्फ उन लोगों की पहचान उजागर करने की जरूरत है, जो गलत काम करने के आरोपित हैं. कंपनी का कहना है कि चूंकि मैसेज एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड होते हैं, ऐसे में व्हाट्सऐप का कहना है कि कानून का पालन करने पर रिसीवर्स के साथ-साथ मैसेज के ओरिजिनेटर के लिए भी एन्क्रिप्शन ब्रेक हो जाने का खतरा है.
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