ALERT: फेसबुक, व्हाट्सऐप, इंस्टाग्राम यूजर्स की जासूसी करती हैं ये कंपनियां, मेटा ने किया ब्लॉक

मेटा ने कहा है कि उसने यूजर्स की ऑनलाइन एक्टिविटीज की जासूसी करनेवाली सात कंपनियों को डिसेबल कर दिया है. इनमें से कुछ कंपनियां भारतीय यूजर्स को भी शिकार बना रहीं थीं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 19, 2021 1:45 PM
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मेटा (Meta) ने सोशल मीडिया (Social Media) ऐप्स फेसबुक (Facebook), व्हाट्सऐप (WhatsApp) और इंस्टाग्राम (Instagram) के यूजर्स के लिए जरूरी अलर्ट जारी किया है. मेटा ने कहा है कि उसने यूजर्स की ऑनलाइन एक्टिविटीज की जासूसी करनेवाली सात कंपनियों को डिसेबल कर दिया है. हैरानी की बात यह है कि इनमें से कुछ कंपनियां भारतीय यूजर्स को भी शिकार बना रहीं थीं. ऐसे में अगर आप सोशल मीडिया ऐप फेसबुक, व्हाट्सऐप और इंस्टाग्राम के यूजर्स हैं, तो आपको सतर्क रहने की जरूरत है.

50 हजार लोगों को अलर्ट

मेटा (पूर्व में फेसबुक) 100 से अधिक देशों में लगभग 50 हजार लोगों को अलर्ट भेज रही है, जिनके बारे में उसे लगता है कि वे इनमें से एक या अधिक संस्थाओं द्वारा टारगेटेड थे. ये कंपनियां क्लाइंट से पैसे लेकर टारगेटेड लोगों की जासूसी करती थीं. इन्हें सर्विलांस फॉर हायर वाली कंपनियां कहा जाता है. ये कंपनियां इंटरनेट पर लोगों की खुफिया जानकारी जुटाने, तथ्यों को तोड़ने-मरोड़ने और उनके डिवाइस और अकाउंट्स में सेंधमारी करती हैं.

यूजर्स की ऑनलाइन जासूसी

फेसबुक और इंस्टाग्राम के स्वामित्व वाली कंपनी मेटा ने अपने यूजर्स के हित में बड़ी कार्रवाई की है. मेटा ने दुनियाभर की ऐसी 7 ‘सर्विलांस फॉर हायर’ कंपनियों को अपने प्लैटफॉर्म से ब्लॉक कर दिया है, जो फेसबुक और इंस्टाग्राम के जरिये यूजर्स की ऑनलाइन जासूसी कर रही थीं. हैरानी की बात तो यह है कि इनमें से कुछ कंपनियां भारतीय यूजर्स को भी शिकार बना रहीं थीं.

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इन कंपनियों से रहें सावधान

बेलट्रॉक्स, साइट्रोक्स, कोबवेब्स टेक्नोलॉजीज, कॉगनिट, ब्लैक क्यूब, ब्लूहॉक सीआई, अननोन आदि शामिल हैं. माना जा रहा है कि ये कंपनियां राजनेताओं, चुनाव के अधिकारियों, मानवाधिकार के लिए काम करनेवाले कार्यकर्ता और सेलिब्रिटी को निशाना बना रही थीं.

क्या था मोड ऑफ ऑपरेशन?

रिपोर्ट में बताया गया है कि ये कंपनियां प्रोफेशनल तौर पर जासूसी करने का काम करती थीं. ये क्लाइंट से पैसे लेती थीं और किसी खास व्यक्ति को अपना निशाना बनाती थीं. ये कंपनियां लोगों के बयान को गलत तरीके से सोशल मीडिया पर शेयर करती थीं और किसी के वीडियो को एडिट करके उसे बदनाम करने जैसा काम कर रही थीं. मेटा ने इस बारे में दुनियाभर के हजारों यूजर्स को अलर्ट किया है.

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