केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने पैसेंजर कार और कमर्शियल व्हीकल्स के टायरों को सड़कों पर सुरक्षा और ईंधन की बचत की दृष्टि से बेहतर रखने के लिए नये नियमों का एक ड्राफ्ट जारी किया है. बता दें कि इस पॉलिसी को लेकर अब भी संभावनाएं हैं कि इसे कंज्यूमर फ्रेंडली बनाया जा सके. गाड़ियों के टायर से जुड़े ऐसे नियम यूरोप में 2016 में लागू नियम जैसे ही हैं.
मंत्रालय ने कार, बस और ट्रक के टायर के लिए सड़क पर रोलिंग-रेजिस्टेंस, गीली सड़क पर टायर की ग्रिप और वाहन के चलते समय टायर से उत्पन्न होने वाले ध्वनि के बारे में नियमों को 1, अक्टूबर 2021 और वर्तमान मॉडल के टायरों के लिए 1 अक्टूबर 2022 से लगू करने का प्रस्ताव किया है.
मंत्रालय के अनुसार, टायरों का रोलिंग रजिस्टेंस फ्यूल एफिसिएंसी पर प्रभाव डालता है, वहीं वेट ग्रिप का संबंध गीली सड़कों पर टायर के परफॉर्मेंस से है. इसके साथ ही, रोलिंग साउंड एमिशन का संबंध टायर और रोड सर्फेस के कॉन्टैक्ट में आने वाले साउंड के निकलने से है.
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मंत्रालय की ओर से जारी इस ड्राफ्ट का उद्येश्य यह सुनिश्चित करना है कि वाहनों के टायर अधिक भरोसेमंद और अच्छे हों. मंत्रालय ने नये माॅडल के टायरों के लिए इन नियमों केा 1, अक्तूबर 2021 और वर्तमान माॅडल के टायरों के लिए 1, अक्तूबर 2022 से लगू करने का प्रस्ताव किया है.
मालूम हो कि सड़क पर ज्यादातर दुर्घटनाओं में प्रमुख कारण टायर को माना जाता है. बारिश के दौरान चिकनी सड़कों पर ग्रिप न बन पाने के कारण दुर्घटनाएं हो जाती हैं. वहीं, कई बार टायर फटने से भी दुर्घटनाएं होती हैं. ऐसे में पैसेंजर कारों और कमर्शियल गाड़ियों के टायरों को सड़कों पर सुरक्षा और ईंधन की बचत की दृष्टि से बेहतर रखने के लिए नये नियम लागू किये जाने हैं.
मंत्रालय की ओर से किये गए ट्वीट में कहा गया है कि टायरों को आवर्ती घर्षण, गीली सड़क पर टायर की पकड़ और आवाज के संबंध में वाहन उद्योग के लिए मानकों की शृंखला (एआईएस) 142:2019 के चरण दो में विनिर्दिष्ट एवं समय समय पर संशोधित मानकों के अनुरूप होना चाहिए. इन नियमों के बारे में सुझाव और आपत्तियां सरकार को भेजी जा सकती हैं. ये नियम यूरोप में 2016 में लागू नियम जैसे ही हैं. (इनपुट : भाषा)