Nasa Dart Mission: धरती की सुरक्षा में सफल हुआ नासा का डार्ट मिशन, उल्कापिंड को दूसरी आर्बिट में धकेला
Nasa Dart Mission: उल्कापिंड का रास्ता बदलने के इरादे से भेजा गया अंतरिक्ष यान डार्ट ने डिमोरफोस क्षुद्र ग्रह से टकराकर पहले उसमें एक गड्ढा बनाया. इस प्रक्रिया में उल्का पिंड का मलबा अंतरिक्ष में फैल गया. इसके बाद धूमकेतु की तरह अंतरिक्ष में हजारों मील लंबी धूल और मलबे की एक रेखा बन गई.
Nasa Dart Mission: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) के नाम एक और उपलब्धि जुड़ गई है. दरअसल, अंतरिक्ष एजेंसी नासा एक उल्कापिंड की कक्षा बदलने में कामयाब रहा है. नासा का अंतरिक्ष यान लाखों मील दूर एक हानिरहित उल्कापिंड से टकराया और उसकी कक्षा बदलने में कामयाब रहा. नासा के इस प्रयोग से आने वाले समय में उल्कापिंडों से धरती की सुरक्षा को और मदद मिलेगी. नासा ने इस मिशन का नाम सेव द वर्ल्ड रखा था.
डिमोरफोस उल्कापिंड से टकराया नासा का अंतरिक्ष यान: गौरतलब है कि अंतरिक्ष से अक्सर क्षुद्रग्रह धरती की ओर आते रहते हैं. ऐसे में धरती को इससे नुकसान न पहुंचे नासा लंबे समय से इसकी तैयारी में जुटा था. इसी के तहत पृथ्वी की ओर भविष्य में आने वाले घातक क्षुद्र ग्रहों की दिशा बदलने की कोशिश के तहत नासा ने अपने तरह का यह पहला प्रयोग दो सप्ताह पहले किया था.
परीक्षण को लेकर नासा ने कहा कि उल्कापिंड का रास्ता बदलने के इरादे से भेजा गया अंतरिक्ष यान डार्ट ने डिमोरफोस क्षुद्र ग्रह से टकराकर पहले उसमें एक गड्ढा बनाया. इस प्रक्रिया में उल्का पिंड का मलबा अंतरिक्ष में फैल गया. इसके बाद धूमकेतु की तरह अंतरिक्ष में हजारों मील लंबी धूल और मलबे की एक रेखा बन गई. नासा ने इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी की. एजेंसी ने कहा कि अंतरिक्ष यान के असर को आंकने के लिए नासा ने दूरबीन से कई दिनों तक पूरी घटना की निगरानी की. ताकी यह पता चल सके कि 520 फीट लंबे इस उल्कापिंड के रास्ते में कितना बदलाव आया है.
साढ़े 22 हजार किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उल्कापिंड को मारी टक्कर: नासा के वैज्ञानिकों ने बताया कि टकराने से पहले यह यान क्षुद्रग्रह का चक्कर लगाने में करीब 12 घंटे का समय लेता था. बता दें, वेंडिंग मशीन के आकार के यान को पिछले साल प्रक्षेपित किया गया था. यह 1.10 करोड़ किलोमीटर दूर उल्कापिंड से साढ़े 22 हजार किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से टकराया.
भाषा इनपुट के साथ