NASA Artemis I launch: नासा ने मिशन मून Artemis I launch को तकनीकी कारणों से स्थगित कर दिया है. नासा ने अपने आधिकारिक बयान में यह बताया कि मून के लिए मिशन मून Artemis I launch को स्थगित कर दिया गया है. रॉकेट में ईंधन ट्रांसफर करने वाले हार्डवेयर में लीकेज की वजह से यह मिशन स्थगित करना पड़ा है. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा आज फिर अपने मून मिशन Artemis 1 को लॉन्च करने वाला था. रात करीब 11 बजकर 45 मिनट पर नासा अपने इस मून मिशन की लॉन्चिंग फ्लोरिडा स्थित केप केनवरल के लॉन्च पैड 39बी से करने की तैयारी में था. बता दें कि 29 अगस्त को अपने पहले प्रयास में भी मून मिशन Artemis 1 तकनीकी कारणों से रॉकेट लॉन्च नहीं हो पाया था. अब दुनिया के सामने बड़ा सवाल यह है कि आखिर नासा समेत कई अन्य देश भी 50 साल बाद चंद्रमा पर जाने के लिए क्यों इतने प्रयास कर रही है.
‘कोई गारंटी नहीं है कि हम शनिवार को लॉन्च करेंगे’
नासा के इस मिशन मून Artemis 1 को लॉन्च करने का दूसरा प्रयास आज देर रात लगभग 11 बजकर 47 मिनट पर किया जाना था. मिशन के मैनेजर माइकल सराफिन ने बीते गुरुवार को फ्लोरिडा में एक ब्रीफिंग के दौरान ही कहा था कि इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि हम शनिवार को लॉन्च करेंगे, लेकिन हम कोशिश करने जा रहे हैं. लॉन्च के दौरान मौसम अनुकूल रहने की उम्मीद है. साथ ही उन्होने आगे बताया कि 60 प्रतिशत संभावना है कि मौसम लॉन्चिंग के लिए अनुकूल रहेगा.
Artemis-1 में नहीं जाएगा कोई एस्ट्रोनॉट
बता दें कि आर्टेमिस-1 नासा का एक ऐसा मशीन है जो कि मानवरहित है. आर्टेमिस-1 को पहले एक्सप्लोरेशन मिशन 1 के नाम से भी जाना जाता था. अगर बात की जाए इसके अंदर मौजूद मशीनों की तो इसमें फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर का ग्राउंड सिस्टम, ओरियन स्पेसक्राफ्ट और स्पेस लॉन्च सिस्टम रॉकेट लगे हुए हैं और यह ओरियन क्रू कैप्सूल का परीक्षण करेगा. हालांकि यह आर्टेमिस 1 का पहला मिशन है. ऐसा पहली बार होगा कि बिना इंसान की मदद से नासा स्पेस लॉन्च सिस्टम रॉकेट के जरिए ओरियन स्पेसशिप को चांद के चारों तरफ चक्कर लगाकर वापस आने के लिए भेज रहा है. यह यात्रा 42 दिन, 3 घंटे और 20 मिनट की होगी.
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इस मिशन को Artemis नाम क्यों दिया गया?
ग्रीस में चंद्रमा की देवी को अर्टेमिस (Artemis) कहा जाता है. महिला को सम्मान देने के लिए नासा ने इस मिशन का नाम अर्टेमिस रखा है. जैसे अमेरिका का अपोलो मून मिशन सफल रहा था, उन्हें उम्मीद है कि ये मिशन भी सफल होगा. ओरियन स्पेसशिप अपने साथ दस छोटे सैटेलाइट्स यानी क्यूबसैट्स (CubeSats) भी लेकर जा रहा है. जिन्हें वह अंतरिक्ष में छोड़ेगा. ये छोटे सैटेलाइट्स ओरियन की यात्रा और अन्य गतिविधियों पर नजर रखेंगे. ये क्यूबसैट्स चंद्रमा के अलग-अलग हिस्सों की निगरानी करेंगे. उनकी जांच करेंगे.