National E-Commerce Policy Update : वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय (Ministry of Commerce and Industry) की प्रस्तावित राष्ट्रीय ई-कॉमर्स नीति (National E-Commerce Policy) अपने विकास के अंतिम चरण में है. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने इस जानकारी का खुलासा किया और कहा कि हितधारकों के इनपुट के लिए नीति का कोई नया ड्राफ्ट जारी नहीं किया जाएगा. 2 अगस्त को, ई-कॉमर्स कंपनियों के प्रतिनिधियों और घरेलू व्यापारियों के एक समूह ने प्रस्तावित नीति के बारे में गहन चर्चा के लिए डिपार्टमेंट ऑफ प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (DPIIT) के साथ मुलाकात की. इस बैठक में संबंधित हितधारकों में प्रस्तावित नीति पर व्यापक सहमति बनी.
राष्ट्रीय ई-कॉमर्स नीति अंतिम चरण में
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा तैयार की जा रही प्रस्तावित राष्ट्रीय ई-कॉमर्स नीति अंतिम चरण में है. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए कहा कि हितधारकों की राय जानने के लिए नीति का कोई नया मसौदा जारी नहीं किया जाएगा. उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने दो अगस्त को प्रस्तावित नीति पर ई-कॉमर्स कंपनियों और घरेलू व्यापारियों के एक निकाय के प्रतिनिधियों के साथ विस्तृत चर्चा की.
Also Read: E-commerce सेक्टर को लेकर आयी यह गुड न्यूज, पढ़कर खुशी से झूम उठेंगे आप
प्रस्तावित नीति को सरकार के शीर्ष लोगों को भेजा जाएगा
एक अधिकारी ने कहा, अब पॉलिसी को लेकर अब कोई नया ड्राफ्ट नहीं आयेगा. पॉलिसी बनाने की सारी कार्यवाही पूरी हो चुकी है. अब बस हमें अंतिम साइन का इंतजार है. उन्होंने बताया कि प्रस्तावित नीति को सरकार के सर्वोच्च पदों पर बैठे लोगों के पास भेजा जाएगा. अधिकारी ने कहा कि डेटा स्थानीयकरण के संबंध में, ई-कॉमर्स व्यवसायों को स्थानीय कानूनों का पालन करना होगा. मंत्रालय ने पहले दो ड्राफ्ट नेशनल ई-कॉमर्स पॉलिसियों को प्रकाशित किया था.
अब इस बात का इंतजार
इस बैठक में प्रस्तावित नीति के संबंध में संबंधित पक्षों के बीच व्यापक स्तर पर सहमति प्रकट हुई. अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर यह बताया कि अब कोई नयी मसौदा नीति प्रस्तुत नहीं की जाएगी और कवायद समाप्त हो गई है. अंतिम हस्ताक्षर की प्रतीक्षा है. उन्होंने इसके अलावा कहा कि प्रस्तावित नीति को अब सरकार के शीर्ष स्तर पर भेजा जाएगा. डेटा स्थानीयकरण के मामले में अधिकारी ने इस बारे में यह कहा कि ई-कॉमर्स कंपनियों को देश के कानूनों का पालन करना होगा. इससे पहले, मंत्रालय ने दो अलग-अलग राष्ट्रीय ई-कॉमर्स नीतियां जारी की थीं.
Also Read: E-commerce प्लैटफॉर्म्स को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने दिया ऐसा आदेश, आप भी जानें
नेशनल ई-कॉमर्स पॉलिसी क्या है?
2019 में बनाये गए ड्राफ्ट में ई-कॉमर्स के इको-सिस्टम के 6 विशिष्ट क्षेत्रों को संज्ञान में लाने का प्रस्ताव था. इसमें डेटा, आधारभूत संरचना का विकास, ई-कॉमर्स मार्केट प्लेस, नियामक विवाद, घरेलू डिजिटल अर्थव्यवस्था, निर्यात प्रोत्साहन को ई-कॉमर्स के माध्यम से बढ़ावा देने का प्रस्ताव था. ड्राफ्ट में सीमा को पार करने वाले डेटा के फ्लो पर प्रतिबंध के बारे में भी चर्चा हुई थी. यहां तक कि संवेदनशील डेटा को स्थानीय स्तर पर स्टोर और प्रॉसेस किया जाए और विदेशों में स्टोर करने के बारे में भी बात हुई. डुप्लीकेट और बैन प्रोडक्ट्स, पायरेटेड प्रोडक्ट्स की बिक्री को रोकने के तरीके भी सोचे गए थे. साथ ही, बदलती डिजिटल अर्थव्यवस्था के संरचनात्मक परिवर्तनों की रूपरेखा के अंतर्गत इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसमिशन पर कस्टम शुल्क लगाने की प्रैक्टिस की समीक्षा भी की गई थी. (भाषा इनपुट के साथ)