क्या टेक्नोलॉजी से ही हारेगा Corona? दुनिया में इसे हराने के लिए इन तकनीकों का हो रहा इस्तेमाल
National Technology Day 2020 techniques used to defeat Corona कोरोना का वैक्सीन तो नहीं बन पाया है. लेकिन, इसे हराने के लिए टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जा रहा है. दुनियाभर में पहले भी कई बीमारियों का इलाज तकनीकों के माध्यम से संभव हो पाया है. कई ऐसी टेक्नोलॉजी है जिसे चीन, भारत समेत दुनियाभर में प्रयोग में लाया जा रहा. आज नेशनल टेक्नोलॉजी दिवस पर हम आपको रू-ब-रू करवाने वाले है ऐसे ही कुछ तकनीकों से.
National Technology Day 2020 techniques used to defeat Corona कोरोना का वैक्सीन तो नहीं बन पाया है. लेकिन, इसे हराने के लिए टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जा रहा है. दुनियाभर में पहले भी कई बीमारियों का इलाज तकनीकों के माध्यम से संभव हो पाया है. कई ऐसी टेक्नोलॉजी है जिसे चीन, भारत समेत दुनियाभर में प्रयोग में लाया जा रहा. आज नेशनल टेक्नोलॉजी दिवस पर हम आपको रू-ब-रू करवाने वाले है ऐसे ही कुछ तकनीकों से.
टेक-1: अमेरिका का Pandemic Drone
अमेरिका ने एक ऐसा एपिडेमिक (महामारी) ड्रोन का निर्माण किया है, जो भीड़ में भी कोरोना के लक्षण जांच लेगा. यह भीड़भाड़ वाले इलाकों में भी लोगों को खांसने, छींकने और थूकने पर नजर रखेगा. यह लोगों का दिल की धड़कन, सांस लेने की गति समेत शरीर के तापमान को भी मापने में सहायक है. हालांकि, कोरोना से बचने का यह स्थायी उपाय नहीं है. कुछ जगहों पर ही इसे उड़ाया जा सकता है.
टेक-2: चीन का ऑटोमेटिक सैनिटाइज करने वाला रोबोट
चीन की एक तस्वीर कुछ दिनों पहले बहुत वायरल हो रही थी जिसमें एक रोबोट पूरे अस्पताल को ऑटोमेटिक सैनिटाइज कर रहा था. पता करने पर यह तस्वीर सही निकली. दरअसल, चीन ने अपने सबसे संवेदनशील शहर वुहान के एक अस्पताल में इसका प्रयोग किया था. ऐसा बताया जा रहा कि चीन ने कुछ तकनीकों का आविष्कार करके ही कोरोना से जंग में काफी हद तक सफलता पायी. दरअसल, यह रोबोट वायरस से बचाव के लिए अस्पताल में घूम-घूम कर छिड़काव करता है.
टेक-3 : चीन का ड्रोन अस्पतालों या संवेदनशील जगहों के लिए
चीन में कोरोना के संवेदनशील इलाकों में ड्रोन के जरिये निगरानी के अलावा जरुरी मेडिकल सुविधाएं भी पहुंचायी जाती है. आपको बता दें कि इसके अलावा डिलीवरी बहुत तेजी से होती है साथ-साथ समय और पैसों की भी बचत होती है.
टेक-4: भारत में आरोग्य सेतु एप के जरिये मॉनिटरिंग
कोरोना से जंग में भारत ने भी सही समय पर तकनीक का प्रयोग किया. भारत की आरोग्य सेतु ऐप कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने में सरकार और जनता की मदद कर रहा है. यह एक कोरोना वायरस ट्रैकिंग ऐप है, जिसमें लोकेशन डाटा और ब्लूटूथ के जरिये यूजर को यह बताया जाता है कि वह कोरोना वायरस से संक्रमित किसी मरीज के संपर्क में तो नहीं. ऐसे किसी व्यक्ति के संपर्क में आते ही एक नोटिफिकेशन आपके एंड्रॉयड मोबाइल पर आ जाता है. यह ऐप 6 फीट के दायरे में आए संक्रमितों की जानकारी देता है.
टेक-5: थर्मल स्कैनर का प्रयोग
इन दिनों दुनियाभर में तकनीक के मामले जो सबसे ज्यादा उपयोग में लाया जा रहा है वो है थर्मल स्कैनर. यह एक ऐसा डिवाइस है जो शरीर के तापमान को दर्ज कर एक थर्मल इमेज तैयार करता है. यदि किसी व्यक्ति के शरीर का तामपान सामान्य से अधिक होता है तो यह वीप की आवाज के माध्यम से उस व्यक्ति की जानकारी स्वास्थ्यकर्मी या जांचकत्र्ता तक पहुंचा देता है. जिससे उन्हें यह अंदाजा लग जाता है कि यह व्यक्ति कोरोना संक्रमित है या नहीं. जिसके बाद क्वारेंटाइन करके जांचा जाता है.
टेक-5: ऑनलाइन बोर्ड गेम के जरिये कोरोना से बचाव की कोशिश
लॉकडाउन का लोग फॉलो करें या कोरोना की गंभीरता को समझाने के लिए कुछ ऑनलाइन गेम का डिजाइन किया गया जिसमें एक सुप्रसिद्ध गेम है लूडो. इसे नए वर्जन में ऑनलाइन लाया गया है. दरअसल, इस बोर्ड गेम में लोगों को लूडो की तरह डाइस से अपनी चाल चलनी होती है और इस दौरान उन्हें संक्रमित क्षेत्रों में जाने से बचना होता है. अतिसंवेदनशील इलाके में पहुंचते ही सांप-सीढ़ी की तरह वापस अस्पताल में क्वारंटाइन हो जाना पड़ता है. कुल मिलाकर यह गेम मजेदार भी और सोशल डिस्टेंसिंग का संदेश भी देता है. आपको बता दें कि इस गेम का नाम “Fight Against Corona” रखा गया है.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.