1 सेकेंड में डाउनलोड होंगी 1000 HD फिल्में, यहां बना इंटरनेट स्पीड का वर्ल्ड रिकॉर्ड
इंटरनेट यूजर्स (Internet users) के लिए एक बड़ी खुशखबरी है. जल्द ही इंटरनेट यूजर्स इंटरनेट ब्राउजिंग (Internet browsing speed) और डाउनलोडिंग (Downloading) में नये और जबरदस्त स्पीड (experience tremendous internet speed) का अनुभव प्राप्त करेंगे. दरअसल शुक्रवार को नेचर कम्युनिकेशनंस (Nature communications) में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार ऑस्ट्रेलिया में शोधकर्ताओं ने प्रति सेकंड 44.2 टेराबाइट्स (44.2 terabytes per second) की इंटरनेट स्पीड हासिल की है. यह इंटरनेट स्पीड का विश्व रिकॉर्ड है. यह इतनी स्पीड है कि इसके जरिये एक यूजर महज एक सेकेंड में 1000 एचडी क्वालिटी (HD quality film) की फिल्म डाउनलोड कर सकता है. यह नयी खोज दुनिया भर में नेटवर्क कनेक्शन की क्षमता को बढ़ाने में मदद कर सकता है.
स्पीड का अनुभव प्राप्त करेंगे. दरअसल शुक्रवार को नेचर कम्युनिकेशनंस में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार ऑस्ट्रेलिया में शोधकर्ताओं ने प्रति सेकंड 44.2 टेराबाइट्स की इंटरनेट स्पीड हासिल का है. यह इंटरनेट स्पीड का विश्व रिकॉर्ड है. यह इतनी स्पीड है कि इसके जरिये एक यूजर महज एक सेकेंड में 1000 एचडी क्वालिटी की फिल्म डाउनलोड कर सकता है. यह नयी खोज दुनिया भर में नेटवर्क कनेक्शन की क्षमता को बढ़ाने में मदद कर सकता है.
ऑस्ट्रेलिया के मोनाश, स्वाइनबर्न और आरएमआईटी युनिवर्सिटी के एक टीम ने माइक्रो कॉम्ब सिंगल ऑप्टिकल चिप का इस्तेमाल, मेलबर्न में उपलब्ध मौजूदा संचार बुनियादी ढांचे में डेटा स्थानांतरित करने के लिए किया और यह सफलता हासिल की है. वर्तमान में सिंगापुर की वाणिज्यिक इंटरनेट की स्पीड दुनिया में सबसे ज्यादा है. जहां औसतन डाउनलोड स्पीड 197.3 मेगाबिट प्रति सेकंड (mbps) है. ऑस्ट्रेलिया में औसत डाउनलोड स्पीड 43.4 एमबीपीएस है जो हालिया खोज प्रति सेकंड 44.2 टेराबाइट्स से एक मिलियन गुना स्लो है.
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माइक्रो कॉम्ब मौजूदा दूरसंचार हार्डवेयर की तुलना में एक सूक्ष्म बम बहुत छोटा और हल्का होता है. इसे प्रयोगशाला के बाहर लगाया गया और मौजूदा बुनियादी ढांचे का उपयोग करते हुए परीक्षण किया गया. इसके लिए ऑस्ट्रेलिया के नेशनल ब्रॉडबैंड नेटवर्क (एनबीएन) का उपयोग किया गया. शोधकर्ताओं ने RMIT के मेलबोर्न सिटी कैंपस और मोनाश यूनिवर्सिटी के क्लेटन कैंपस के बीच 76.6 किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर पर ट्रांसमिशन का परीक्षण किया. स्विनबर्न विश्वविद्यालय में ऑप्टिकल साइंसेज सेंटर के निदेशक डेविड मॉस ने कहा कि दस-वर्षों में माइक्रो कॉम्ब चिप्स शोध का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र बन गया है. मॉस के अनुसार, माइक्रो-कॉम्ब्स हमारे लिए बैंडविड्थ की दुनिया की मांग को पूरा करने के लिए बड़ी मददगार साबित होंगे.
दिलचस्प बात यह है कि यह पहली बार किसी फील्ड ट्रायल में किसी भी माइक्रो कॉम्ब का इस्तेमाल किया गया है. इसमें एक ही ऑप्टिकल चिप से सबसे ज्यादा डेटा का उत्पादन होता है. जब दुनिया का इंटरनेट बुनियादी ढांचा मुख्य रूप से कोरोनोवायरस महामारी के परिणामस्वरूप अलगाव नीतियों के कारण काफी दबाव में है. यह खोज काफी मददगार साबित हो सकता है. जर्नल नेचर कम्युनिकेशंस में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार यह खोज इंटरनेट बुनियादी ढांचे की मांग से जूझ रहे देशों की दूरसंचार क्षमता को तेजी से बढ़ा सकते हैं.