Flex Fuel वाहनों पर जीएसटी 12 प्रतिशत करने पर विचार करें राज्य सरकारें- नितिन गडकरी
Flex Fuel वाले वाहन एक से अधिक प्रकार के ईंधन पर चल सकते हैं. ये वाहन पेट्रोल या शुद्ध डीजल इंजन चालित वाहनों की तुलना में कम उत्सर्जन के लिए जानी जाती है.
सोमवार को आईएफजीई के इंडिया बायो-एनर्जी एंड टेक एक्सपो को संबोधित करते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि राज्य के वित्त मंत्रियों को Flex Fuel वाहनों पर जीएसटी 28 प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत करने पर विचार करना चाहिए. वर्तमान में फ्लेक्स-फ्यूल वाहनों पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाता है, यह हाइब्रिड वाहनों पर लगाया जाने वाला समान कर स्लैब है, जबकि इलेक्ट्रिक वाहनों पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगाया जाता है.
जैव ईंधन के उपयोग को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता
नितिन गडकरी ने यह भी दोहराया कि जीवाश्म ईंधन के आयात को कम करने और जैव ईंधन के उपयोग को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है. यह पहली बार नहीं है जब गडकरी ने जैव ईंधन के उपयोग की वकालत की है क्योंकि वे पिछले कुछ वर्षों से भारतीय ऑटो उद्योग को इसी तरह प्रोत्साहित कर रहे हैं.
ये भी पढ़ें: बड़ी फैमिली की बड़ी सवारी, 14 लोग एक साथ करते हैं सफर
गडकरी ने योगी आदित्यनाथ से की अपील
फ्लेक्स-फ्यूल वाहनों के लिए जीएसटी कटौती पर बोलते हुए, उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रियों को जैव ईंधन वाहनों को बढ़ावा देने के लिए आगे आना चाहिए. “हमें विभिन्न राज्यों के वित्त मंत्रियों से समर्थन की आवश्यकता है. केंद्रीय वित्त मंत्री ने मुझे आश्वासन दिया कि हम सभी वित्त मंत्रियों को समझाने की कोशिश करेंगे,” उन्होंने कहा, “कल, मैंने महाराष्ट्र के वित्त मंत्री से जीएसटी परिषद की बैठक में भाग लेने और फ्लेक्स-फ्यूल इंजन कारों और स्कूटरों पर जीएसटी में कमी का प्रस्ताव देने के लिए कहा.” गडकरी ने यह भी कहा कि उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से फ्लेक्स-फ्यूल वाहनों पर कर कम करने पर विचार करने का अनुरोध किया है.
फ्लेक्स-फ्यूल वाहनों से कम उत्सर्जन उत्पन्न होता है
फ्लेक्स-फ्यूल वाले वाहन एक से अधिक प्रकार के ईंधन पर चल सकते हैं. ये वाहन पेट्रोल या शुद्ध डीजल इंजन चालित वाहनों की तुलना में कम उत्सर्जन के लिए जानी जाती है. फ्लेक्स-फ्यूल वाहन पेट्रोल या इथेनॉल या इथेनॉल-मिश्रित पेट्रोल या मेथनॉल-मिश्रित पेट्रोल पर चल सकते हैं. मिश्रण के साथ, पेट्रोल के प्रदूषक गुण कम हो जाते हैं.
इसे भी पढ़ें: Bajaj Ethanol Bike के लॉन्च होते ही दुनिया हो जाएगी दंग, जानें क्या है खासियत
हर साल भारत 22 लाख करोड़ रुपये तक के जीवाश्म ईंधन का आयात करता है
मंत्री ने बताया कि हर साल भारत 22 लाख करोड़ रुपये तक के जीवाश्म ईंधन का आयात करता है और यह न केवल वायु प्रदूषण से जुड़ी समस्या है बल्कि एक आर्थिक समस्या भी है. उन्होंने कहा, “इसलिए, अब इसे शुरू करने से एक दिन ऐसा आएगा जब हम अपने आयात को कम कर देंगे और जैव ईंधन को बढ़ावा देंगे.” उन्होंने आगे कहा कि जैव ईंधन क्षेत्र में बहुत संभावनाएं हैं. गडकरी के अनुसार, भारत के परिदृश्य में, जैव ईंधन की लागत कम है और चूंकि इसमें कोई प्रदूषण नहीं है, इसलिए यह आम आदमी के लिए भी फायदेमंद होने वाला है.
इसे भी पढ़ें: Car Tips: अगर करेंग ये गलती तो कार का इंजन हो जाएगा ओवरहीट, कट जाएगी जेब