OLA Cabs ने गूगल मैप से अलग होते ही एक झटके में कमा लिये 100 करोड़ रुपये
Bhavish Aggarwal ने कहा कि ओला कैब्स आने वाले महीनों में कई तरह की फीचर्स शुरू करेगी. इनमें स्ट्रीट व्यू, न्यूरल रेडियंस फील्ड्स, इनडोर इमेज, 3D मैप्स और ड्रोन मैप्स आदि शामिल होंगे.
OLA Cabs ने Google Maps को छोड़कर अपने इन-हाउस विकसित नेविगेशन प्लेटफॉर्म ओला मैप्स पर स्विच कर लिया है. कंपनी का दावा है कि इस रणनीति से सालाना लगभग 100 करोड़ की बचत होगी. OLA Cabs के CEO, Bhavish Aggarwal ने कहा है कि यह कदम पिछले महीने Azure से कंपनी के बाहर निकलने के बाद उठाया गया.
Bhavish Aggarwal ने इसे लेकर X (जिसे पहले ट्विटर कहा जाता था) पर एक पोस्ट भी किया, उन्होंने लिखा पिछले महीने एज़ूर के बाहर निकलने के बाद, हम अब पूरी तरह से गूगल मैप्स से बाहर हो गए हैं. हम सालाना ₹100 करोड़ खर्च करते थे, लेकिन हमने इस महीने इसे पूरी तरह से अपने इन-हाउस ओला मैप्स पर स्विच करके शून्य कर दिया है! अपने ओला ऐप को चेक करें और जरूरत पड़ने पर अपडेट करें.”
Also Read: Bajaj Freedom 125 CNG के लॉन्च होते ही सीएनजी से जुड़ी कई गलतफहमियां दूर हुईं
Aggarwal ने यह भी कहा कि ओला कैब्स आने वाले महीनों में कई तरह की फीचर्स शुरू करेगी. इनमें स्ट्रीट व्यू, न्यूरल रेडियंस फील्ड्स, इनडोर इमेज, 3D मैप्स और ड्रोन मैप्स आदि शामिल होंगे.
अक्टूबर 2021 में, ओला ने जियोस्पॉक नामक पुणे की एक कंपनी का अधिग्रहण किया था, जो भौगोलिक सेवाओं में विशेषज्ञता रखती है. ओला मैप्स उसी का नतीजा है. ओला मैप्स अब कंपनी के Ride-hailing service aggregato एप्लिकेशन की मैपिंग आवश्यकताओं का समर्थन करता है. इसके अतिरिक्त, कंपनी ने जनवरी में एक सॉफ्टवेयर अपडेट के माध्यम से ओला इलेक्ट्रिक टू-व्हीलरों में ओला मैप्स को एकीकृत करने की मंशा का खुलासा किया.
Also Read: कितना भी बड़ा हो परिवार, ये 14 सीटर सवारी सबको साथ कराएगी सफर, कीमत मात्र 10 लाख
ओला इलेक्ट्रिक स्वदेशी रूप से बैटरी समाधानों की एक श्रृंखला पर काम कर रही है, जिसमें सॉलिड-स्टेट बैटरी तकनीक भी शामिल है. इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर निर्माता ने कहा है कि वर्तमान में, वह सॉलिड-स्टेट बैटरी तकनीक पर शोध के शुरुआती चरण में है, जिसका उपयोग निकट भविष्य में अपने इलेक्ट्रिक स्कूटर और आगामी इलेक्ट्रिक मोटरसाइकिलों में किया जाएगा.