What Is Online Betting: केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (I&B Ministry) ने प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया को चेतावनी जारी की है, जिसमें ऑनलाइन सट्टेबाजी प्लैटफाॅर्म्स (Online Betting Platform) के विज्ञापन (Advertisement) से बचने के लिए कहा गया है. प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक, सोशल और ऑनलाइन मीडिया में ऑनलाइन सट्टेबाजी वेबसाइटों/प्लैटफार्म्स के विज्ञापनों के अनेक मामले पाये जाने के बाद यह चेतावनी जारी की गई है. मंत्रालय के मुताबिक, ऑनलाइन सट्टेबाजी के विज्ञापन भ्रामक होते हैं. ये उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019, केबल टेलीविजन नेटवर्क विनियमन अधिनियम और विज्ञापन कोड और प्रेस परिषद अधिनियम, 1978 के तहत निर्धारित पत्रकारिता आचरण के मानदंडों के अनुरूप नहीं हैं. ऑनलाइन बेटिंग है क्या? यह इतना खतरनाक क्यों है कि सरकार इसके प्रसार को रोकना चाहती है? आइए जानते हैं-
फिल्मों में हम अक्सर देखते हैं कि शॉर्टकट में पैसा कमाने के लिए अभिनेता किसी क्रिकेट टीम या खिलाड़ी पर दांव लगाता है, जिसमें कुछ संपत्ति या नकदी खोने का खतरा होता है. साथ ही, हार और जीत का फैसला एक शॉट से भी होता है. आजकल लोग ऑफलाइन जुए के जुर्माने से बचने के लिए ऑनलाइन जुए के विभिन्न माध्यमों का सहारा लेते हैं. इन्हीं में से एक है ऑनलाइन बेटिंग, जिसके विज्ञापन हमें अक्सर टीवी, न्यूजपेपर और सोशल मीडिया में देखने का मिल जाते हैं.
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ऑनलाइन जुआ को आप इंटरनेट पर कैसीनो या खेल पर सट्टेबाजी में शामिल होने के रूप में परिभाषित कर सकते हैं. इसे इंटरनेट जुआ या ई-जुआ के रूप में भी जाना जाता है. दांव लगाने के लिए आमतौर पर क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल किया जाता है और इसके द्वारा जीत या हार का अनुभव मिलता है.
ऑनलाइन गेम्स में आजकल रम्मी, पोकर और अन्य सट्टेबाजी के खेल भारत में काफी लोकप्रिय हो रहे हैं. आजकल टीवी चैनलों पर आनेवाले इसके विज्ञापनों में थोड़ा-सा दिमाग लगाकर लखपति बनने के सपने दिखा दिये जाते हैं. ऑनलाइन सट्टेबाजी का खेल युवाओं के लिए सबसे पॉपुलर और आकर्षक बिजनेस आइडिया बनता जा रहा है. कोरोना संकट के बाद कई बेरोजगार लोग जल्दी पैसा बनाने के लिए कसीनो, रम्मी, पोकर जैसे खेलों में अपना दिमाग लगा रहे हैं और ऐसी चीजों के आदी हो रहे हैं.
ऑनलाइन गेमिंग साइट्स के समय-समय पर आते सर्वेक्षणों के आधार पर विशेषज्ञों का मानना है कि ऑनलाइन सट्टेबाजी का बाजार 2200 हजार करोड़ रूपये का है. और यह सालाना 30 प्रतिशत के बड़े अंतर से बढ़ रहा है. 2023 तक इसके 12 हजार करोड़ रुपये तक पहुंचने की संभावना है. इस ऑनलाइन गेम साइट के लिए कानूनी आयु सीमा 18 वर्ष है, लेकिन फर्जी आईडी और आयुसीमा की जांच के लिए ऐसा कोई प्राधिकरण नहीं है. इसीलिए यह और खतरनाक बनता जा रहा है.