Param Porul Super Computer: कम्प्यूटेशनल अनुसंधान की सुविधा के लिए एनआईटी तिरुचिरापल्ली में एक अत्याधुनिक सुपर कंप्यूटर स्थापित किया गया है. इसका नाम है परम पोरुल (Param Porul). इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) की एक संयुक्त पहल राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (एनएसएम) के तहत बुधवार (25 मई, 2022) को संचालक मंडल, तिरुचिरापल्ली के अध्यक्ष भास्कर भट ने इसका उद्घाटन किया.
परम पोरुल सुपरकंप्यूटिंग सुविधा एनएसएम के चरण 2 के तहत स्थापित की गयी है, जहां इस प्रणाली को तैयार करने में इस्तेमाल किये जाने वाले अधिकांश घटकों का निर्माण और संयोजन देश के भीतर किया गया है. इसके साथ ही मेक इन इंडिया पहल के अनुरूप सी-डैक द्वारा विकसित स्वदेशी सॉफ्टवेयर स्टैक का भी इसमें इस्तेमाल किया गया है.
राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन के तहत इस 838 टेराफ्लॉप्स सुपरकंप्यूटिंग सुविधा को स्थापित करने के लिए 12 अक्टूबर, 2020 को एनआईटी तिरुचिरापल्ली और सेंटर फॉर डेवलपमेंट इन एडवांस्ड कंप्यूटिंग (सी-डैक) के बीच एक समझौता हुआ था. यह सिस्टम विभिन्न वैज्ञानिक और इंजीनियरिंग अनुप्रयोगों की कंप्यूटिंग जरूरतों को पूरा करने के लिए सीपीयू नोड्स, जीपीयू नोड्स, हाई मेमोरी नोड्स, हाई थ्रूपुट स्टोरेज और हाई परफॉर्मेंस इनफिनिबैंड इंटरकनेक्ट के संयोजन से लैस है.
परम पोरुल सिस्टम उच्च शक्ति के इस्तेमाल की प्रभावशीलता प्राप्त करने और इस तरह परिचालन लागत को कम करने के लिए डायरेक्ट कॉन्टैक्ट लिक्विड कूलिंग तकनीक पर आधारित है. अनुसंधानकर्ताओं के लाभ के लिए विभिन्न वैज्ञानिक डोमेन जैसे मौसम और जलवायु, जैव सूचना विज्ञान, कम्प्यूटेशनल रसायन विज्ञान, आणविक गतिशीलता, सामग्री विज्ञान, कम्प्यूटेशनल फ्लूड डायनेमिक्स इत्यादि से कई अनुप्रयोगों को सिस्टम पर स्थापित किया गया है. अनुसंधानकर्ताओं के लिए यह अत्याधुनिक कंप्यूटिंग प्रणाली अत्यंत मददगार साबित होगी.
एनआईटी, तिरुचिरापल्ली स्वास्थ्य, कृषि, मौसम, वित्तीय सेवाओं जैसे सामाजिक हित के क्षेत्रों में अनुसंधान कर रहा है. एनएसएम के तहत स्थापित सुविधा इस अनुसंधान को मजबूत करेगी. नयी उच्च-निष्पादन वाली कम्प्यूटेशनल सुविधा अनुसंधानकर्ताओं को विज्ञान और इंजीनियरिंग के विभिन्न क्षेत्रों की बड़े पैमाने पर समस्याओं को हल करने में सहायता करेगी.
कुल गणना शक्ति का एक हिस्सा एनएसएम के नियमों के अनुसार, नजदीकी शैक्षणिक और अनुसंधान संस्थानों के साथ भी साझा किया जायेगा. इसके अलावा, एनएसएम ने इस सुपरकंप्यूटिंग सुविधा का उपयोग करते हुए और अन्य भारतीय संस्थानों और उद्योगों के अनुसंधानकर्ताओं को शामिल करते हुए कई अनुप्रयोग अनुसंधान परियोजनाओं को प्रायोजित किया है. कुल मिलाकर, यह सुपरकंप्यूटिंग सुविधा वैश्विक सम्मान की स्थिति तक पहुंचने के लिए भारतीय शिक्षा और उद्योगों में अनुसंधान और विकास की पहल को अत्यधिक बढ़ावा देगी.
एनएसएम के तहत, अब तक पूरे देश में 24 पेटाफ्लॉप की गणना क्षमता वाले 15 सुपरकंप्यूटर स्थापित किये जा चुके हैं. इन सभी सुपरकंप्यूटरों का निर्माण भारत में किया गया है और यह स्वदेशी रूप से विकसित सॉफ्टवेयर स्टैक के साथ काम कर रहे हैं.