Google प्ले स्टोर से हटने के 4 घंटे बाद लौट आया Paytm ऐप, पूरी करनी पड़ी यह शर्त
Paytm Is Back Within Hours After Google Removed It From Play Store : Paytm ऐप कुछ घंटों तक गूगल के प्ले स्टोर से हटने के बाद अब लौट आया है. इससे पहले गूगल ने प्ले स्टोर से घरेलू डिजिटल पेमेंट ऐप पेटीएम को हटा दिया था. पेटीएम ने इसकी जानकारी ट्वीट करके दी है. मालूम हो कि पेटीएम भारत का एक अहम स्टार्टअप है और कंपनी का दावा है कि इसके महीने के तौर पर पांच करोड़ एक्टिव यूजर्स हैं.
PayTm App Back on Google Play Store : ऐप कुछ घंटों तक गूगल के प्ले स्टोर से हटने के बाद अब लौट आया है. इससे पहले गूगल ने प्ले स्टोर से घरेलू डिजिटल पेमेंट ऐप पेटीएम को हटा दिया था. पेटीएम ने इसकी जानकारी ट्वीट करके दी है. मालूम हो कि पेटीएम भारत का एक अहम स्टार्टअप है और कंपनी का दावा है कि इसके महीने के तौर पर पांच करोड़ एक्टिव यूजर्स हैं.
Update: And we're back! 🥳
— Paytm (@Paytm) September 18, 2020
Paytm ने पूरी की यह शर्त
आपको बता दें कि पेटीएम ने हाल ही में फैंटेसी लीग की शुरुआत की थी और कल से IPL2020 भी शुरू होनेवाला है. इस घटनाक्रम पर Paytm ने एक स्टेटमेंट जारी कर कहा है कि कंपनी गूगल की पॉलिसी रिक्वायरमेंट के तहत अब कैशबैक कॉम्पोनेंट हटा रही है. हालांकि कंपनी ने कहा है कि यह व्यवस्था अस्थाई तौर पर लागू की गई है.
प्ले स्टोर गैम्बलिंग ऐप्स के खिलाफ
इससे पहले पेटीएम को प्ले स्टोर से हटाने के फैसले पर गूगल ने कहा था कि पेटीएम ने ऑनलाइन गैम्बलिंग की शर्तों का उल्लंघन किया है. गूगल ने कहा कि ऑनलाइन जुआ और दूसरे अनियमित गैम्बलिंग ऐप्स जो सट्टा को बढ़ावा देते हैं, उन्हें प्ले स्टोर रोकता है और पेटीएम लगातार प्ले स्टोर की नीतियों का उल्लंघन कर रहा है.
गूगल के लिए यूजर्स का हित सर्वोपरि
गूगल की वाइस प्रेसिडेंट सुजेन फ्रे ने कहा कि गूगल प्ले इस तरह से डिजाइन किया गया है कि ये हमारे ग्राहकों को एक सुरक्षित एहसास देता है. इसके साथ ही, डेवलपर्स को ऐसा प्लेटफॉर्म मुहैया कराती है जो उन्हें एक टिकाऊ बिजनेस का अवसर मुहैया कराता है. हम अपनी वैश्विक नीतियों को हमेशा ऐसे तैयार करते हैं जिसमें सभी पक्षों का ख्याल रखा जाता है.
गूगल ने कही यह बात
बतौर गूगल, गैम्बलिंग पॉलिसी को लेकर भी हमारा यही उद्देश्य होता है. हम किसी भी ऑनलाइन जुआ और दूसरे अनियमित गैम्बलिंग ऐप्स जो सट्टा को बढ़ावा देते हैं, उनकी अनुमति नहीं देते हैं. अगर कोई ऐप ग्राहकों को किसी बाहरी लिंक पर ले जाता है, जहा किसी पेड टूर्नामेंट या नकदी जीतने का ऑफर किया जाता है, तो यह हमारे नियमों का उल्लंघन है.
पेटीएम का ट्वीट
गूगल प्ले स्टोर से हटाये जाने के बाद पेटीएम ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया- प्रिय पेटीएम यूजर्स, पेटीएम एंड्रॉयड ऐप गूगल ऐप स्टोर पर नये डाउनलोड और अपडेट्स की वजह से उपलब्ध नहीं है. जल्द ही यह वापस आयेगा. आपके पैसे पूरी तरह से सुरक्षित हैं और आप अपना पेटीएम ऐप पहले की तरह ही इस्तेमाल कर सकते हैं.
Dear Paytm'ers,
Paytm Android app is temporarily unavailable on Google's Play Store for new downloads or updates. It will be back very soon.
All your money is completely safe, and you can continue to enjoy your Paytm app as normal.
— Paytm (@Paytm) September 18, 2020
Dream11 IPL2020 से कनेक्शन
गौरतलब है कि Dream11 IPL2020 कल यानी 19 सितंबर से शुरू हो रहा है. ऐसे में क्रिकेट से जुड़े फैंटेसी लीग बेस्ड ऐप की रेस तेज हो चुकी है. चूंकि Dream11 प्ले स्टोर पर नहीं है और इसकी वजह भी गूगल की पॉलिसी है. ऐसी स्थिति में फैंटेसी लीग बेस्ड स्पोर्ट्स गेमिंग के लिए बनायी गई सेल्फ रेग्यूलेटरी बॉडी ने गूगल से इस ऐप Paytm ऐप को हटाने को कहा था.
पेटीएम ने कैशबैक कॉम्पोनेंट हटाया
Paytm ने एक स्टेटमेंट में कहा है कि उसके प्लेटफॉर्म पर की गई हर एक्टिविटी पूरी तरह से कानूनी है. कंपनी ने अस्थाई तौर पर कैशबैक कॉम्पोनेंट को हटा दिया है ताकि गूगल प्ले स्टोर की पॉलिसी रिक्वायरमेंट पूरी की जा सके. FIFS ने गूगल से इस तरह के ऐप्स को हटाने को कहा था. इस रेग्यूलेटरी बॉडी का तर्क है कि जब भारत में इस तरह के ऐप्स गैरकानूनी हैं, तो गूगल प्ले स्टोर अपने प्लैटफॉर्म पर ऐसे ऐप्स को रखने और हटाने को लेकर भेदभाव क्यों करता है.
Paytm का ऐसा रहा है सफर
साल 2010 में इस कंपनी की शुरुआत नकदी रहित लेनदेन के विकल्प के रूप में हुई थी. लेकिन भारतीय उपभोक्ताओं की नकदी पर अधिक निर्भरता की वजह से इसकी राह आसान नहीं थी. 2016 तक, यानी छह वर्षों में इसके 12.5 करोड़ यूजर्स थे. हालांकि, इसको छोटी दुकानों और व्यापारियों के साथ जोड़ भी दिया गया, लेकिन फिर भी लेनदेन की संख्या काफी कम रही थी. लेकिन नवंबर 2016 में जब देश में नोटबंदी की घोषणा हुई, तब पेटीएम का व्यापार भी अप्रत्याशित रूप ऊपर उठा. नोटबंदी की घोषणा के तीन महीने बाद ही इसके यूजर्स की संख्या में 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई.