Pegasus Spyware News Update: इस्रायल के NSO ग्रुप द्वारा तैयार स्पाईवेयर Pegasus को लेकर इन दिनों बवाल मचा हुआ है. Pegasus को दुनिया का सबसे ताकतवर और खतरनाक स्पाइवेयर माना जा रहा है. एक हालिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि Pegasus के जरिये भारत सरकार के कई मंत्रियों, पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के फोन टैप किये गए हैं.
पेगासस स्पाईवेयर सॉफ्टवेयर फोन को जबरदस्त तरीके से संक्रमित करता है. हैकर टारगेट के फोन पर एसएमएस या आइमैसेज भेजते हैं, जो एक वेबसाइट का लिंक देता है. इस लिंक पर क्लिक करते ही यह सॉफ्टवेयर डिवाइस को अपने कंट्रोल में ले लेता है. सबसे बड़ी मुश्किल तो यह है कि जिसके स्मार्टफोन पर पेगासस का अटैक होता है, उसे इसका पता भी नहीं चल पाता.
पेगासस स्पाईवेयर के इसी खतरे को देखते हुए मानवाधिकार की रक्षा और मानवीय स्वतंतत्रा के लिए काम करनेवाले अंतरराष्ट्रीय संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने एक ऐसा टूल तैयार कर लिया है जो पेगासस और उसके जैसे स्पाईवेयर की पहचान कर सकता है. इस टूल को मोबाइल वेरिफिकेशन टूलकिट (MVT) नाम दिया गया है.
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एमनेस्टी इंटरनेशनल ने अपनी वेबसाइट के जरिये यह जानकारी दी है कि इस MVT की मदद से यह पता लगाया जा सकता है कि आपके फोन को पेगासस के जरिये टारगेट किया गया है या नहीं. MVT को एंड्रॉयड और आईओएस दोनों प्लैटफॉर्म पर इस्तेमाल किया जा सकता है. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि एंड्रॉयड के मुकाबले आईफोन में किसी भी स्पाईवेयर का पता लगाना आसान है क्योंकि ऐपल की सिक्योरिटी ज्यादा पुख्ता है.
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