नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार 11 मार्च 2024 को द्वारका एक्सप्रेसवे के हरियाणा सेक्शन का उद्घाटन कर दिया है. इस एक्सप्रेसवे के शुरू हो जाने के बाद दिल्ली से गुरुग्राम जाना आसान हो जाएगा. यह नेशनल हाईवे-48 का एक हिस्सा है. द्वारका एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 29 किलोमीटर है. इसमें से 18.9 किलोमीटर का हिस्सा हरियाणा में पड़ता है. बाकी का करीब 10.1 किलोमीटर दिल्ली में पड़ता है. इस एक्सप्रेसवे का 9 मार्च 2019 को तत्कालीन केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली, सुषमा स्वराज और उनके साथ केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने आधारशिला रखी थी. सबसे बड़ी बात यह है कि द्वारका एक्सप्रेसवे के हरियाणा सेक्शन का उद्घाटन करते वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पर चलने वाली गाड़ियों का स्पीड लिमिट भी बता दिया है.
Dwarka Expressway: दिल्ली-गुरुग्राम के बीच ट्रैफिक होगा कम
बतात चलें कि द्वारका एक्सप्रेसवे को नॉर्थ पेरिफेरल रोड भी कहा जाता है, जो दिल्ली और गुरुग्राम की कनेक्टिविटी बढ़ाने वाला क्रांतिकारी बुनियादी ढांचा परियोजना है. तकरीबन 16 लेन वाले 29 किलोमीटर लंबे द्वारका एक्सप्रेसवे के निर्माण का उद्देश्य दिल्ली-गुरुग्राम के बीच के ट्रैफिक को कम करना और लोगों के सफर को आसान बनाना है. दिल्ल-गुरुग्राम के बीच द्वारका एक्सप्रेसवे शिवमूर्ति से शुरू होता है, जो द्वारका और गुरग्राम के कई सेक्टरों से होकर गुजरता है. यह हरियाणा के खेड़की दौला टोल प्लाजा के पास समाप्त होता है.
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Dwarka Expressway: स्पीड लिमिट
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के अनुसार, 29 किलोमीटर द्वारका एक्सप्रेसवे पर गाड़ियों की स्पीड लिमिट 80 किलोमीटर प्रति घंटे तय की गई है. इसके निर्माण में सरकार ने 60,000 करोड़ रुपये की राजमार्ग विकास योजना के तहत 9,000 करोड़ रुपये खर्च किए हैं, जिसमें हरियाणा सेक्शन के निर्माण में उसे करीब 9,000 करोड़ रुपये खर्च करने पड़े हैं. इस एक्सप्रेसवे को बनाने के लिए करीब 3.6 किलोमीटर का सुरंग का इस्तेमाल किया गया है. सुरंग में यह सड़क 8 लेन की हो जाती है. इसके पहले फेज में दिल्ली-हरियाणा सीमा से बसई रेलवे ओवर ब्रिज तक करीब 10.2 किलोमीटर की सड़क बनाई गई है. इसके दूसरे फेज में बसई के रेलवे ओवर ब्रिज से लेकर खेड़की दौला तक करीब 8.7 किलोमीटर की सड़क बनाई गई है.
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Dwarka Expressway: एनएच-8 पर ट्रैफिक 50 फीसदी कम
द्वारका एक्सप्रेसवे के निर्माण के पीछे सरकार का पहला उद्देश्य इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (आईजीआई एयरपोर्ट) को एक ऑप्शनल लिंक रोड प्रदान करना है. इससे राष्ट्रीय राजमार्ग-8 (एनएच-8) पर ट्रैफिक करीब 50 फीसदी तक कम हो जाएगा. इसके साथ ही, यह एक्सप्रेसवे व्यावसायिक दृष्टिकोण से भी काफी महत्वपूर्ण है. इसके चालू हो जाने से कारोबार और इसके आसपास के निवासियों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे.
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