PM Modi on 6G in India: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि इस दशक के अंत तक देश में 6जी सेवा आरंभ करने के लिए सरकार की ओर से कोशिशें आरंभ हो गई हैं और एक कार्यबल ने काम शुरू कर दिया है. देश में 3जी और 4जी सेवाएं उपलब्ध हैं और अगले कुछ महीनों में 5जी सेवा की शुरुआत किये जाने की तैयारी है.
भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) के रजत जयंती समारोह को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि अगले डेढ़ दशकों में 5जी से देश की अर्थव्यवस्था में 450 अरब डॉलर का योगदान होने वाला है और इससे देश की प्रगति और रोजगार निर्माण को गति मिलेगी. उन्होंने कहा कि 21वीं सदी में संपर्क यानी कनेक्टिविटी, देश की प्रगति की गति को निर्धारित करेगी.
प्रधानमंत्री ने इस अवसर एक डाक टिकट भी जारी किया और आईआईटी मद्रास के नेतृत्व में कुल आठ संस्थानों द्वारा बहु-संस्थान सहयोगी परियोजना के रूप में विकसित 5जी टेस्ट बेड की भी शुरुआत की. इस परियोजना से जुड़े शोधार्थियों और संस्थानों को बधाई देते हुए उन्होंने कहा, मुझे देश को अपना, खुद से निर्मित 5जी टेस्ट बेड समर्पित करने का अवसर मिला है. ये दूरसंचार क्षेत्र में क्रिटिकल और आधुनिक टेक्नोलॉजी की आत्मनिर्भरता की दिशा में भी एक अहम कदम है.
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पीएम मोदी ने कहा कि 5जी के रूप में जो देश का अपना 5जी मानदंड बनाया गया है, वह देश के लिए बहुत गर्व की बात है और यह देश के गांवों में 5जी प्रौद्योगिकी पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभाएगा. उन्होंने कहा, 21वीं सदी के भारत में कनेक्टिविटी, देश की प्रगति की गति को निर्धारित करेगी. इसलिए हर स्तर पर कनेक्टिविटी को आधुनिक बनाना ही होगा.
प्रधानमंत्री ने कहा कि 5जी प्रौद्योगिकी देश के शासन में, जीवन की सुगमता में और व्यापार की सुगमता में सकारात्मक बदलाव लाने वाली है तथा इससे खेती, स्वास्थ्य, शिक्षा, अवसंरचना और हर क्षेत्र में प्रगति को बल मिलेगा. एक अनुमान का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, आने वाले डेढ़ दशकों में 5जी से भारत की अर्थव्यवस्था में 450 अरब डॉलर का योगदान होने वाला है. इससे प्रगति और रोजगार निर्माण की गति बढ़ेगी.
प्रधानमंत्री ने कहा कि जल्द से जल्द 5जी बाजार में आये, इसके लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है. उन्होंने कहा, इस दशक के अंत तक 6जी सेवा आरंभ हो पाए, इसके लिए एक कार्य बल ने काम करना शुरू कर दिया है. मोदी ने 2जी को हताशा और निराशा का पर्याय बताते हुए पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधा और कहा कि वह कालखंड भ्रष्टाचार और नीतिगत पंगुता के लिए जाना जाता था.
उन्होंने कहा, इसके बाद 3जी, 4जी, 5जी और 6जी की तरफ तेजी से हमने कदम बढ़ाए हैं. ये बदलाव बहुत आसानी और पारदर्शिता से हुए और इसमें ट्राई ने बहुत भूमिका निभाई. प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में सरकार ‘नयी सोच और एप्रोच’ के साथ काम कर रही है. उन्होंने कहा, 2014 में जब हम आये तो हमने सबका साथ, सबका विकास और इसके लिए प्रौद्योगिकी के व्यापक उपयोग को अपनी प्राथमिकता बनाया. इसके लिए जरूरी था कि देश के करोड़ों लोग आपस में जुड़ें, सरकार से भी जुड़ें और सरकार की सभी इकाइयां भी एक प्रकार से एक ऑर्गेनिक इकाई बनकर आगे बढ़ें.
उन्होंने कहा कि इसलिए उनकी सरकार ने जनधन, आधार और मोबाइल की तिकड़ी को शासन का सीधा माध्यम बनाना तय किया और इसके लिए देश में ही मोबाइल निर्माण पर बल दिया गया. प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्ष 2014 से पहले भारत में 100 ग्राम पंचायतें भी ऑप्टिकल फाइबर से नहीं जुड़ी थीं, लेकिन आज करीब पौने दो लाख ग्राम पंचायतों को ब्रॉडबैंड से जोड़ा जा चुका है. उन्होंने कहा, कुछ समय पहले सरकार ने देश के नक्सल प्रभावित अनेक जनजातीय जिलों में 4जी सुविधा पहुंचाने की बड़ी शुरुआत की है.
इस अवसर पर दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि देश के वैज्ञानिकों और अभियंताओं ने 4जी नेटवर्क का ढांचागत आधार विकसित कर लिया है, जो भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) द्वारा विनियोजित किये जाने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि 5जी नेटवर्क का ढांचागत आधार विकास के अग्रिम स्तर पर है. वैष्णव ने कहा, इस साल के अंत तक हम स्वदेश में विकसित 5जी प्रौद्योगिकी का ढांचागत आधार देख पाएंगे.
दूरसंचार राज्यमंत्री देबु सिंह चौहान ने कहा कि स्वदेश में विकसित 4जी नेटवर्क को बीएसएनएल में इस साल के अंत तक शामिल कर लिया जाएगा. ट्राई के अध्यक्ष पी डी वाघेला ने कहा कि 5जी सेवाओं पर नियामक की सिफारिशों के क्रियान्वयन और उद्योग जगत औरव स्टार्टअप के लिए 5जी सेवाओं के टेस्ट की शुरुआत से सभी संबंधित क्षेत्रों के लिए नये अवसर मिलेंगे और इससे आर्थिक विकास को मजबूती मिलेगी.