18.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

चुनावी के टिकटों की तरह राजस्थान के इस शहर में VIP नंबरों की मारामारी, लाखों की लगी बोली!

जयपुर के झालाना आरटीओ में अक्टूबर और नंवबर महीने में गाड़ियों के वीआईपी नंबर पाने के लिए जमकर मारामारी हुई. रिपोर्ट की मानें, तो 18 अक्टूबर से लेकर 22 नवंबर तक लोगों ने वाहनों के नंबरों पर लगभग 20 लाख रुपये से ज्यादा खर्च कर दिए.

Vehicles VIP Numbers: सड़कों पर वाहन मालकों की हरकत देखकर किसी महान व्यक्ति ने ठीक ही कहा है, ‘भारत की सड़कों पर गाड़ियां कम और ठसक अधिक चलती है.’ आदमी ठसक और शौक के लिए क्या नहीं कर देता है. खासकर, जो व्यक्ति छोटी सी भी कार खरीद लेता है, उसकी ठसक बढ़ जाती है. और, जिस व्यक्ति ने महंगी लग्जरी गाड़ी खरीदी, उसकी तो खैर बात ही क्या करनी. ठसक और शौक ही वह चीज है, जिसे पूरा करने के लिए राजस्थान की राजधानी जयपुर में चुनावी टिकटों की तरह गाड़ियों के लिए वीआईपी नंबर पाने की मारामारी मची है. आलम यह है कि वीआईपी नंबर पाने के लिए लोग लाखों की बोली तक लगाने से गुरेज नहीं कर रहे हैं.

वीआईपी नंबर के लिए 20 लाख की बोली

मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, जयपुर के झालाना आरटीओ में अक्टूबर और नंवबर महीने में गाड़ियों के वीआईपी नंबर पाने के लिए जमकर मारामारी हुई. रिपोर्ट की मानें, तो 18 अक्टूबर से लेकर 22 नवंबर तक लोगों ने वाहनों के नंबरों पर लगभग 20 लाख रुपये से ज्यादा खर्च कर दिए. ये कीमत वाहन मालिकों ने केवल वाहनों के VIP नंबरों के लिए चुकाई है. 22 नवंबर को बिके एक नंबर 0001 की कीमत 5 लाख 5 हजार रुपये थी. RTO में पंसदीदा नंबर लेने के की ऑनलाइन प्रक्रिया है. परिवहन विभाग ने VIP नंबर्स की रेट फिक्स की हुई है और ऑनलाइन वो नंबर मांगने पर फिक्स कीमत चुकानी होती है. लेकिन उसी नंबर की ज्यादा बोली कोई दूसरा वाहन मालिक ऑनलाइन लगा देता है तो फिर वो नंबर उसी को मिलता है जो ज्यादा पैसे चुकाता है.

Also Read: ChatGPT से कैसे मुकाबला करेगा Google का नया AI टूल Gemini

दो साल में लोगों ने 2 करोड़ से अधिक उड़ाए

जयपुर के झालाना आरटीओ वीरेंद्र सिंह के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले दो सालों में राजस्थान के लोगों ने वीआईपी नंबर हासिल करने के लिए करोड़ों रुपये उड़ा दिए. रिपोर्ट में कहा गया है कि अपनी गाड़ी के लिए पंसदीदा नंबर पाने के लिए लोगों ने करीब दो साल में 2,08,11,000 हजार रुपये उड़ाए हैं. इसके अलावा लोग अपनी पुरानी गाड़ी के नंबरों को भी नई गाड़ी पर ट्रांसफर करवाने के लिए हजारों-लाखों रुपये खर्च किए.

Also Read: Amitabh Bachchan ने शोरूम में जाकर खरीदी Tata Safari एसयूवी कार! तस्वीर वायरल

ऑनलाइन लगती है बोली

सबसे बड़ी बात यह है कि वीआईपी नंबर के लिए ऑनलाइन बोली लगाई जाती है. रिपोर्ट में बताया गया है कि अक्टूबर महीने में टॉप 10 नंबर्स में से सबसे कम कीमत 0006 नंबर के लिए चुकाई गई है. इसके लिए एक लाख 2 हजार रुपये चुकाए गए. वीआईपी नंबर मिलना ग्राहक की तकदीर पर निर्भर करता है. अगर ऑनलाइन वीआईपी नंबर लेने पर किसी दूसरे ग्राहक ने बोली नहीं लगाई, तो तय कीमत पर नंबर मिल जाएगा. वहीं, अगर कोई दूसरा व्यक्ति उसी नंबर के लिए ऑनलाइन में कूद पड़ा, तो फिर वह नंबर महंगे से महंगा हो जाता है. सबसे बड़ी बात यह है कि इससे परिवनह विभाग की आमदनी में बढ़ोतरी होती है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें