सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन पर बोले राजीव चंद्रशेखर- 10 साल में भारत वह हासिल करेगा, जो चीन 30 साल में नहीं कर पाया
उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (PLI Scheme) ने पिछले साल वेदांता और ताइवान की फॉक्सकॉन जैसी कंपनियों को आकर्षित किया था. इन कंपनियों ने चिप विनिर्माण के लिए अरबों डॉलर के निवेश से इकाइयां स्थापित करने का वादा किया था. चिप का उपयोग मोबाइल फोन से लेकर वाहनों तक में किया जाता है.
Rajeev Chandrashekhar remarks on Semiconductor supply chain : केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा है कि लोकल चिप मैन्युफैक्चरिंग के लिए 10 अरब अमेरिकी डॉलर के प्रोत्साहन और सहायता के साथ भारत अगले 10 सालों में ग्लोबल सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन में प्रमुख भूमिका निभाने की राह पर है. देश में सेमीकंडक्टर के उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना ने वेदांता और फॉक्सकॉन जैसी कंपनियों को आकर्षित किया. इसके चलते उन्होंने अरबों डॉलर के निवेश का वादा भी किया था. सेमीकंडक्टर का इस्तेमाल मोबाइल फोन से लेकर कारों और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में होता है.
PLI स्कीम ने कंपनियों को आकर्षित किया
केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा है कि चिप के स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए 10 अरब डॉलर के प्रोत्साहन और सहयोग से भारत एक दशक में सेमीकंडक्टर की वैश्विक आपूर्ति-श्रृंखला में प्रमुख भूमिका निभाने की ओर अग्रसर है. उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना ने पिछले साल वेदांता और ताइवान की फॉक्सकॉन जैसी कंपनियों को आकर्षित किया था. इन कंपनियों ने चिप विनिर्माण के लिए अरबों डॉलर के निवेश से इकाइयां स्थापित करने का वादा किया था. चिप का उपयोग मोबाइल फोन से लेकर वाहनों तक में किया जाता है.
सेमीकंडक्टर क्षेत्र में अगले 10 साल में कहां होगा भारत?
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वैश्विक सेमीकंडक्टर परिवेश में ऐसा कोई नहीं है जो भारत को निवेश और नवाचार के लिए एक बहुत विश्वसनीय, व्यवहार्य और तेजी से उभरते गंतव्य के रूप में नहीं देखता है. उन्होंने कहा कि भारत सेमीकंडक्टर क्षेत्र में अगले 10 साल में 10 अरब डॉलर (लगभग 81,993 करोड़ रुपये) के साथ वह उपलब्धि हासिल करने के लिए तैयार है, जिसे प्राप्त करने के लिए चीन ने तीन दशक तक प्रयास किया है. उन्होंने कहा, हम 10 अरब डॉलर के साथ अगले 10 साल में वह हासिल करने की ओर अग्रसर हैं, जिसे प्राप्त करने में चीन को 25-30 साल लगे और उसके बावजूद वह सफलता हासिल नहीं कर पाया.
सेमीकंडक्टर पर भारत की कहानी
चंद्रशेखर ने कहा कि माइक्रोन के साथ एटीएमपी परियोजना से सेमीकंडक्टर उद्योग में 5,000 प्रत्यक्ष और 15,000 अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा होंगे. पीटीआई भाषा की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा- वैश्विक मेमोरी समाधान क्षेत्र में माइक्रोन दुनिया की अग्रणी कंपनी है. उन्होंने कहा, कभी-कभी कुछ लोग या तो समझ की कमी या जानबूझकर पिछले 15 महीनों के प्रयास को अलग-अलग तरीकों से चित्रित करते हैं. लेकिन सेमीकंडक्टर पर भारत की कहानी… भारत को सेमीकंडक्टर राष्ट्र बनाने का सपना पहली बार कुछ महीने पहले शुरू हुआ है.