नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी त्योहारी सीजन के अक्टूबर महीने के आखिरी सप्ताह तक भारत की पहले रैपिडएक्स ट्रेन सर्विस की शुरुआत कर सकते हैं. योजना से जुड़े दो अधिकारियों के हवाले से ईटी ऑटो ने खबर दी है कि सबसे पहले प्रधानमंत्री मोदी करीब 17 किलोमीटर लंबे प्राथमिकता वाले खंड पर रैपिड एक्स ट्रेन सर्विस अक्टूबर के दूसरे पखवाड़े में जनता को सर्मपित कर सकते हैं. इन दोनों अधिकारियों ने बताया कि करीब 17 किलोमीटर की दूसरी के बीच कुल पांच स्टेशनों का निर्माण कराया गया है. इनमें साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो शामिल हैं. इन स्टेशनों का निर्माण कार्य इस साल के जून में ही पूरा हो गया है और यह परिचालन के लिए पूरी तरह से तैयार है.
छह महीने में होगा विस्तार
अधिकारी ने यह भी बताया कि अगले छह महीने में रैपिड एक्स ट्रेन सर्विस के नेटवर्क में करीब 25 किलोमीटर का और विस्तार किया जाएगा. इसके बाद इसमें मुरादनगर, मोदीनगर दक्षिण, मोदीनगर उत्तर और मेरठ दक्षिण स्टेशनों को भी शामिल कर लिया जाएगा. इस प्रकार आने वाले छह महीनों में कुल 10 स्टेशनों पर रैपिड एक्स ट्रेन सर्विस की शुरुआत हो जाएगी. इन सभी स्टेशनों के निर्माण का काम पूरा हो चुका है और ये परिचालन के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. अधिकारियों का कहना है कि रैपिड एक्स ट्रेन सर्विस के जरिए दिल्ली और मेरठ को आपस में जोड़ा जाएगा और इससे मेरठ से दिल्ली और दिल्ली से मेरठ आने-जाने वाले लोगों को सहूलियत होगी. उन्होंने यह भी कहा कि ये खंड दिल्ली-मेरठ रिजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) परियोजना का एक हिस्सा है.
दो चरणों में शुरू होगी ट्रेन सेवा
रिपोर्ट में कहा गया है कि रैपिड एक्स ट्रेन सर्विस के पहले चरण में साहिबाबाद और दुहाई के बीच यात्रा की शुरुआत की जाएगी. वहीं, इसे दूसरे चरण में दुहाई से मेरठ की यात्रा शुरू होगी. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) रैपिड ट्रेन सर्विव के कामों की देखरेख कर रहा है. आरआरटीएस की पटरियों पर ट्रेनों की रफ्तार करीब 160 किलोमीटर प्रति घंटे होने की उम्मीद है. यह देश की पहली रेलवे प्रणाली होगी, जिसे इतनी तेज गति से ट्रेन सर्विसेज की शुरुआत होने जा रही है.
जून 2025 में मेरठ में शुरू हो सकती है मेट्रो
पिछले महीने एनसीआरटीसी ने कहा था कि दिल्ली मेट्रो की ब्लू लाइन के एक खंड पर आरआरटीएस वायाडक्ट का एक महत्वपूर्ण निर्माण पूरा हो गया है. रैपिड ट्रेन सर्विस का निर्माण जून 2019 में शुरू हुआ. मेरठ में मेट्रो सर्विस के साथ पूरे 82.15 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर जून 2025 में चालू हो सकता है. एक अनुमान के अनुसार, दैनिक सवारियों की संख्या 800,000 तक आंकी गई है, लेकिन इतनी अधिक भीड़ के बावजूद यात्री खंड से राजस्व कम रहने की उम्मीद है. यह गलियारा 30,274 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत पर बनाया जा रहा है, जिसे बहुपक्षीय समर्थन से तैयार किया गया है. इसे एशियाई विकास बैंक (एडीबी), एशिया इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक (एआईआईबी) और न्यू डेवलपमेंट बैंक ( एनडीबी ) द्वारा सह-वित्तपोषित किया जा रहा है.
किसने रैपिडएक्स रखा नाम
बताते चलें कि भारत की पहली सेमी हाई-स्पीड रीजनल ट्रेन सर्विस को एनसीआरटीसी की ओर से रैपिडएक्स नाम दिया गया है. ये सेवाएं रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) कॉरिडोर पर चलेंगी, जो राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में प्रमुख शहरी नोड्स को आपस में जोड़ने के लिए बनाई जा रही है. रीजनल रेल सेवा को रैपिडएक्स नाम इसलिए दिया गया है, क्योंकि ये अलग-अलग भाषाओं में पढ़ने और उच्चारण करने में आसान है. ‘रैपिड’ नाम को पहले से ही हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में पूरे क्षेत्र के नागरिकों द्वारा अपनी यातायात माध्यम के रूप में पसंद किया जा रहा है. आरआरटीएस अपनी तरह की पहली प्रणाली है, जिसमें 180 किमी प्रति घंटे की गति वाली ट्रेनें हर 5-10 मिनट में उपलब्ध होंगी, जो दिल्ली और मेरठ के बीच की दूरी 55 मिनट में तय करेंगी.
कौन-कौन से रूट पर चलेगी ट्रेन
रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के तहत चलने वाली रैपिड रेल में दो तरह की ट्रेनें चलाई जाएंगी. पहली एक ट्रेन मोदीपुरम से बेगमपुर-प्रतापपुर होते हुए दिल्ली के सराय काले खां तक चलेगी. जिसका नाम रैपिड रेल है. दूसरी मोदीपुरम से बेगमपुर होते हुए प्रतापपुर तक चलेगी, जिसका नाम मेरठ मेट्रो यानी एमटीएस होगा. रैपिड रेल की संख्या 30 तक होगी. हर 10 मिनट पर एक ट्रेन आती-जाती रहेगी. 160 किलोमीटर की स्पीड से यह रैपिड रेल लोगों को अपने गंतव्य तक 40 मिनट में पहुंचा देगी. यह रेल पूरी तरह से ऑटोमेटिक ट्रेन सुरक्षा ,ऑटोमेटिक नियंत्रण ऑटोमेटिक संचालन से संपन्न रहेगी. इसमें बैठने के लिए सीट और खड़े होने के लिए बीच में जगह रहेगी.