Registration tax: इलेक्ट्रिक वाहनों को माफ हो या हाइब्रिड वाहनों का ,इस पर विवाद छिड़ी
Registration tax: भारतीय ऑटो उद्योग करों को लेकर इलेक्ट्रिक वाहनों और हाइब्रिड वाहनों के बीच बंटा हुआ है, जिसे उत्तर प्रदेश सरकार सुलझाना चाहती है.
Registration tax: हाइब्रिड के लिए पंजीकरण कर माफ करने के यूपी के नए कदम ने इलेक्ट्रिक कार निर्माताओं और हाइब्रिड निर्माताओं के बीच टकराव को जन्म दिया है.जिसे सुलझाने के लिए सरकार रविवार को बैठक करेगी. सभी यात्री कार निर्माता बैठक में भाग लेंगे और उन्हें उनके द्वारा बनाए जाने वाले वाहनों के प्रकार के आधार पर अलग किया गया है.
हुंडई, टाटा मोटर्स और महिंद्रा ईवी पर ध्यान केंद्रित करते है. जबकि मारुति सुजुकी, होंडा और टोयोटा हाइब्रिड बनाते है. हाइब्रिड के लिए पंजीकरण कर में छूट के साथ पूर्व खेमा इस कदम का विरोध कर रहा है. रिपोर्ट बताती हैं कि पूर्व खेमे के कार निर्माता, जो ईवी बनाते है.इस फैसले के खिलाफ है क्योंकि डीजल वाहनों की बिक्री प्रभावित हो सकती है.
हुंडई, टाटा मोटर्स, महिंद्रा और किआ डीजल सेगमेंट में मजबूत खिलाड़ी है.जबकि होंडा, टोयोटा और मारुति सुजुकी के पास भारत में डीजल वाहन नहीं है.यदि कर माफ कर दिया जाता है. तो हाइब्रिड वाहनों की कीमत डीजल वाहनों के बराबर हो जाएगी और इससे कार निर्माताओं की बिक्री में गिरावट आ सकती है.
टोयोटा फॉर्च्यूनर, हिलक्स और इनोवा जैसे डीजल वाहन बनाती है.हालांकि कर माफी के बावजूद इससे बिक्री पर असर नहीं पड़ेगा क्योंकि इनोवा क्रिस्टा का वाणिज्यिक क्षेत्र में बाजार है. जबकि फॉर्च्यूनर एक प्रीमियम वाहन है और हिलक्स एक जीवनशैली विकल्प है.
कार निर्माताओं के लिए सबसे बड़ी चिंता यह है कि अगर यूपी टैक्स माफ़ी के साथ आगे बढ़ता है, तो पड़ोसी राज्य भी जल्द ही इसका अनुसरण करेगा जिससे वाहनों की बिक्री को और नुकसान पहुंचेगा.यूपी भारत में पीवी बिक्री के लिए सबसे बड़े क्षेत्रों में से एक है और 2024 की पहली छमाही में 2,30,000 यूनिट्स बेची गईं जो कि साल दर साल 13 प्रतिशत की वृद्धि है.
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वर्तमान में, इलेक्ट्रिक वाहनों पर बिना किसी अतिरिक्त उपकर के 5 प्रतिशत जीएसटी लगता है जबकि हाइब्रिड पर 28 प्रतिशत जीएसटी और अतिरिक्त कर लगते है.जिससे कुल मिलाकर यह 43 प्रतिशत हो जाता है.