Road Safety Week 2024: हाईवे पर गाड़ी चलाने से पहले जान लें ये 10 जरूरी नियम, हमेशा रहेंगे सुरक्षित

भारत में सड़क सुरक्षा सप्ताह की शुरुआत 1989 में हुई थी, जिसके तहत सड़क दुर्घटनाओं और हताहतों की बढ़ती संख्या की रोकथाम और परिवहन के किसी भी साधन से यात्रा करते समय सुरक्षा को प्राथमिकता देने के महत्व पर जोर दिया गया है.

By KumarVishwat Sen | January 11, 2024 10:03 AM
an image

National Road Safety Week 2024: साल 2024 में आज गुरुवार यानी 11 जनवरी 2024 से पूरे देश में सड‍़क सुरक्षा सप्ताह की शुरुआत हो गई है. दरअसल, यह सड़क सुरक्षा सप्ताह हर साल केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से 11 जनवरी से 17 जनवरी तक आयोजित किया जाता है. इसका प्राथमिक उद्देश्य देश में सड़क सुरक्षा नियमों को बढ़ावा देना है. यह समर्पित सप्ताह व्यक्तियों को उनकी यात्रा के दौरान सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने की सामूहिक जिम्मेदारी के बारे में जानकारी भी देता है. खासकर, इसके जरिए ड्राइवरों को सावधानी को प्राथमिकता देने, सुरक्षित ड्राइविंग नियमों को अपनाने और आवश्यक सड़क संकेतों का पालन करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है. इसके अलावा, सरकार सक्रिय रूप से सेमिनार और कार्यशालाओं का आयोजन भी करती है और सड़क सुरक्षा पहल में जागरूकता और भागीदारी बढ़ाने के लिए ट्रक ड्राइवरों के लिए मुफ्त जांच भी करवाती है. सबसे बड़ी बात यह है कि हमें सड़क पर गाड़ी चलाते वक्त केवल सड़क सुरक्षा सप्ताह के दौरान की ध्यान देने की जरूरत नहीं है, बल्कि किसी भी प्रकार की गाड़ी को चलाने वाले चालकों को सड़क सुरक्षा और यातायात नियमों को जीवन में आत्मसात कर लेना चाहिए. नियमों को जीवनभर अपनाने के लिए उसके बारे में जानकारी रखना भी जरूरी है. आइए, सड़क सुरक्षा से जुड़ी 10 अहम बातों के बारे में जानते हैं.

राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह का इतिहास

भारत में सड़क सुरक्षा सप्ताह की शुरुआत 1989 में हुई थी, जिसके तहत सड़क दुर्घटनाओं और हताहतों की बढ़ती संख्या की रोकथाम और परिवहन के किसी भी साधन से यात्रा करते समय सुरक्षा को प्राथमिकता देने के महत्व पर जोर दिया गया है. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से प्रत्येक साल 11 से 17 जनवरी के बीच राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह का आयोजन किया जाता है.

सड़क सुरक्षा के 10 अहम नियम

1. सड़क के बाईं ओर ही रहें: सड़क गाड़ी चलाते समय सुरक्षा नियमों का पालन करना महत्वपूर्ण है और यह एक बुनियादी भी है कि डबल लेन वाली सड़कों पर गाड़ी हमेशा बाईं ओर रखकर ही चलाएं. चाहे आप पैदल चल रहे हों, तो भी सड़क के बाईं ओर ही चलें. दाहिनी ओर मुड़ते समय पहले सड़क के केंद्र में जाएं और फिर जिस लेन में आप प्रवेश कर रहे हैं उसके बाईं ओर जाएं. यह अभ्यास दाहिनी ओर से आने वाले वाहनों के साथ टकराव को रोकने में मदद करता है और सुरक्षित ड्राइविंग आदतों को बढ़ावा देता है.

2. जेब्रा क्रॉसिंग का करें इस्तेमाल: सड़कों पर बारी-बारी से काली और सफेद धारियां एक कारण से दी गई होती हैं. इसे जेब्रा क्रॉसिंग भी कहते हैं. चौक-चौराहों पर लगी लाल बत्तियों पर सड़क पार करते समय पैदल चलने वालों को हमेशा ट्रैफिक क्लियर होने तक इंतजार करना चाहिए और जब गाड़ियों का आना-जाना बंद हो जाए, तो आप अपनी सुरक्षा के लिए पैदल सड़क पार करते समय जेब्रा क्रॉसिंग का इस्तेमाल करते हुए सड़क पार करें. वहीं, दूसरी ओर वाहन चालकों को भी यह ध्यान देना चाहिए कि जब कोई व्यक्ति जेब्रा क्रॉसिंग का इस्तेमाल करते हुए सड़क पार कर रहा है, तो उन्हें रेडलाइट जंप नहीं करना चाहिए.

3. नशे में गाड़ी न चलाएं: सड़क सुरक्षा नियमों में महत्वपूर्ण यह है कि नशे में गाड़ी नहीं चलाना चाहिए. इसके खिलाफ सख्त नियम भी बनाए गए हैं. नशे में गाड़ी चलाने पर चालान काटने का भी नियम है. मादक पेय पदार्थ हमारी ध्यान केंद्रित करने की क्षमता को कम कर देते हैं, जिससे व्यक्ति वाहन या अपने शरीर की गतिविधियों पर पूरी तरह से नियंत्रण नहीं रख पाता है.

4. गाड़ी चलाते समय मोबाइल फोन पर न करें बात: आम तौर पर गाड़ी चलाते समय लोग फोन का रिंग बजने पर मोबाइल जेब से निकालकर बात करना शुरू कर देते हैं. ऐसा करने से वाहन चालक का ध्यान भटक जाता है और वह दुर्घटना को न्यौता देता है. हादसा होने की स्थिति में किसी की जान भी जा सकती है. इसलिए यातायात सुरक्षा नियम यह कहता है कि गाड़ी चलाते समय आपकी नजर सड़क पर होना चाहिए और ध्यान गाड़ी चलाने पर हो. अगर गाड़ी चलाने के दौरान फोन आता है, तो जगह देखकर पहले कहीं गाड़ी खड़ी कर लें, उसके बाद मोबाइल फोन पर बात करें.

5. इशारे, हॉर्न और संकेत: जब आप गति धीमी कर रहे हों, मुड़ रहे हों या किसी अन्य वाहन को गुजरने दे रहे हों, तो सड़क पर वाहनों और लोगों से संवाद करने के लिए हाथ के इशारों, साइड इंडिकेटर और संकेतों का इस्तेमाल करें. घातक दुर्घटनाओं को रोकने के अलावा जब आप नो-हॉर्निंग जोन में गाड़ी चला रहे हों, तो वे एक आवश्यक भूमिका निभाते हैं.

6. दूरी बनाए रखें : यदि सामने वाला वाहन अचानक धीमा हो जाता है या बिना किसी चेतावनी के रुक जाता है, तो टकराव को रोकने के लिए दोनों वाहनों के बीच पर्याप्त दूरी बनाए रखनी चाहिए.

Also Read: Road Safety Tips Explainer : सड़क पर गाड़ी चलाने से पहले जान लें सुरक्षा के नियम, वर्ना बन आएगी जान पर आफत

7. सीट बेल्ट लगाना और हेलमेट पहनना जरूरी: यदि आप चार-पहिया वाहन चला रहे हैं, तो ड्राइवरों के लिए दुर्घटनाओं की गंभीरता को रोकने या कम करने के लिए सुरक्षा को प्राथमिकता दें और सड़क सुरक्षा एहतियात के तौर पर सीट बेल्ट पहनें. दोपहिया वाहनों के लिए सवारों को आकस्मिक चोटों से बचाने के लिए आईएसआई-प्रमाणित हेलमेट पहनना चाहिए.

Also Read: रोड सेफ्टी : मारुति-सुजुकी ने ग्रैंड विटारा के ‘इलेक्ट्रिक हाइब्रिड’ मॉडल में लगाया सिक्योरिटी अलार्म

8. सड़क पार करने के नियम: मुख्य सड़क, चौराहों, तिराहों और मोड़ों में प्रवेश करते समय धीमी गति से चलें. तब तक प्रतीक्षा करें, जब तक कोई गतिमान यातायात न हो और आने वाले वाहन में बाधा न डालें.

Also Read: रोड सेफ्टी टिप्स : बचपन से ही बच्चों को सिखाएं यातायात नियम, सरकार ने दो साल पहले ही बना दिया है ये कानून

9. स्वास्थ्य के मुद्दे: सड़क सुरक्षा नियम यह कहता है कि यदि कोई व्यक्ति अस्वस्थ है या कोई ऐसी दवा ले रहा है, जो उसकी ड्राइविंग को बाधित करती है, तो उसे गाड़ी नहीं चलानी चाहिए. इसके अलावा, यदि आप थके हुए हैं, तो दुर्घटनाओं से बचने के लिए गाड़ी न चलाने की सलाह दी जाती है.

Also Read: छेड़छाड़ करते ही हाईवे पर उठा के पटक देती है Toyota Fortuner!

10. ओवरटेकिंग: भारी ट्रैफिक में लेन बदलकर दूसरी गाड़ी को ओवरटेक करने से बचें. दूसरे वाहनों को दाहिनी ओर से ओवरटेक करने दें और ओवरटेक करते समय अन्य वाहनों के दाहिनी ओर रहें.

Exit mobile version