Electric Vehicle को लेकर SBI का बड़ा प्लान. इलेक्ट्रिक वाहन देश में लोकप्रियता प्राप्त कर रहे हैं और पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दाम में इसका बड़ा योगदान है. कई लोग अब अपनी पेट्रोल/डीजल कार से इलेक्ट्रिक वाहनों पर स्विच करने का विचार कर रहे हैं.
सरकार द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) पर जोर दिये जाने के बीच देश के सबसे बड़े ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने ईवी चार्जिंग खंड में कारोबार की संभावनाओं का पता लगाने के लिए सलाहकार नियुक्त करने का फैसला किया है. एसबीआई द्वारा निकाले गए अनुरोध प्रस्ताव (आरएफपी) के अनुसार, सलाहकार को मौजूदा परिवहन परिदृश्य का अध्ययन करने और अवसरों और बाधाओं की पहचान करके परिवहन के विभिन्न तौर-तरीकों में ईवी चार्जिंग के लिए डिजिटल भुगतान की रूपरेखा तैयार करने की जरूरत होगी, ताकि ई-मोबिलिटी पारिस्थितिकी तंत्र बनाया जा सके.
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एसबीआई ने कहा कि पात्र बोलीदाता भारत में लागू अधिनियम के तहत पंजीकृत एक भारतीय कंपनी/एलएलपी/साझेदारी वाली कंपनी होना चाहिए. अन्य आवश्यकताओं में भुगतान प्रणाली के लिए परामर्श सेवाएं प्रदान करने में न्यूनतम 10 वर्ष का अनुभव, बिजली वितरण में आठ वर्ष, ई-मोबिलिटी में पांच वर्ष और संस्थागत/रणनीति सुदृढ़ीकरण में आठ वर्ष का अनुभव होना चाहिए. बैंक ने कहा कि इसके अलावा बोलीदाता पिछले तीन वित्त वर्षों में से कम से कम दो वर्षों के लिए कर-पूर्व लाभ के आधार पर एक लाभदायक संगठन होना चाहिए.
बोली दस्तावेज में कहा गया है, बोली लगाने वाले का पिछले तीन वित्त वर्षों यानी वित्तवर्ष 2018-19, वित्त वर्ष 2019-20 और वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान न्यूनतम पांच करोड़ रुपये का औसत कारोबार होना चाहिए. बोली जमा करने की अंतिम तिथि 10 मई, 2022 है और सलाहकार को अधिकतम चार महीने में काम पूरा करने के लिए कहा गया है. नवीनतम सरकारी आंकड़ों के अनुसार, मार्च के मध्य तक भारत में कुल 10,60,707 इलेक्ट्रिक वाहन पंजीकृत हैं. देश में 1,742 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन (पीसीएस) चालू हैं. (इनपुट : भाषा)
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