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इंडिया में कार की स्‍टेयरिंग राइट साइड होती है, जबकि अमेरिका में लेफ्ट…जानिए ऐसा क्यों?

Steering wheel in Car क्या आपको पता है कि भारत में कारों का स्‍टेयरिंग राइट साइड में होता है मगर अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों में स्‍टेयरिंग लेफ्ट साइड में होता है. अब जरा सोच कर देखिए अगर भारत में कारों का स्‍टेयरिंग लेफ्ट साइड होता तो कार चलाने में कितनी परेशानी होती, आज हम आपको बताएंगे की दुनिया के अलग-अलग देशों में स्‍टेयरिंग के लेफ्ट और राइट होने का क्या राज है.

By Abhishek Anand | March 9, 2024 9:25 AM
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Steering wheel in Car: फ्रांस और अमेरिका में 18वीं सदी में सामान ले जाने के लिए बड़ी-बड़ी गाड़ियां बनाई जाती थीं, जिन्हें घोड़े खींचते थे. इन गाड़ियों में ड्राइवर के बैठने की कोई जगह नहीं होती थी. इसलिए एक आदमी एक घोड़े पर बैठकर बाकी घोड़ों को हांकता था. अब ड्राइवर को कोड़े का इस्तेमाल करने के लिए अपना दाहिना हाथ खाली रखना होता था. इसलिए वो बाईं ओर जुड़े हुए आखिरी घोड़े पर बैठता था. अब चूंकि ये आदमी गाड़ी के बाईं ओर बैठा होता था तो वो गाड़ी को सड़क के दाईं ओर चलाता था ताकि सामने से आने वाली गाड़ियां उसी तरफ से निकले जहां वो बैठा था. इससे दोनों गाड़ियों के क्रॉस होने पर उस तरफ नज़र रखी जा सकती थी.

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भारत और ब्रिटेन समेत कई देशों में बाईं ओर स्टीयरिंग

भारत और ब्रिटेन समेत दुनिया के कई देशों में गाड़ियों में स्टीयरिंग बाईं ओर लगा होता है. वहीं अमेरिका, फ्रांस और हॉलैंड जैसे देशों में गाड़ियों का स्टीयरिंग दाईं ओर होता है. यह दोहरी व्यवस्था देखकर एक सवाल ज़रूर उठता है कि आखिर ये दाएं और बाएं का चक्कर क्यों है? क्या गाड़ी चलाने में सुरक्षा का स्टीयरिंग की साइड से कोई लेना-देना है?

गाड़ियों में स्टीयरिंग दाएं और बाएं होने की वजह

दरअसल, गाड़ियों में स्टीयरिंग दाएं और बाएं होने की वजह ये है कि अलग-अलग देशों में गाड़ी चलाने के नियम अलग-अलग हैं. भारत और ब्रिटेन में गाड़ियां सड़क के बाईं ओर चलती हैं. इसलिए यहां गाड़ियों का स्टीयरिंग दाईं ओर होता है. इसी तरह अमेरिका समेत जिन देशों में सड़क के दाईं ओर चलने का चलन है, वहां स्टीयरिंग बाईं ओर लगा होता है. इसी वजह से दो तरह की गाड़ियां होती हैं – लेफ्ट हैंड ड्राइव और राइट हैंड ड्राइव.

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भारत में बाईं ओर चलने का रिवाज इंग्लैंड की देन

भारत में बाईं ओर चलने का रिवाज इंग्लैंड की देन है. भारत पर लंबे समय तक इंग्लैंड का राज रहा था. ऐसे में अंग्रेजों ने भारत में भी अपने देश की तरह सड़क के बाईं ओर चलने का नियम बना दिया. जब भारत में गाड़ियां आईं तो उनकी स्टीयरिंग भी इंग्लैंड की तरह दाईं ओर ही लगाई गईं. वहीं अमेरिका में तो 18वीं सदी से ही गाड़ियों को दाईं ओर चलाने का चलन था, इसलिए वहां गाड़ियों की स्टीयरिंग बाईं ओर लगाई जाने लगी.

बाईं ओर चलने वाली गाड़ियों में कम दुर्घटनाएं होती हैं

पूर्व में किए गये एक शोध में पता चला कि बाईं ओर चलने वाली गाड़ियों में कम दुर्घटनाएं होती हैं. यहां ड्राइवर की सीट दाईं ओर होती है जिसके चलते गाड़ी चलाते समय पूरी सड़क साफ दिखाई देती है. इससे सड़क पर होने वाली हर गतिविधि ड्राइवर को साफ दिखाई देती है. इससे दुर्घटना की संभावना कम हो जाती है.

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