टाटा मोटर्स ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह इलेक्ट्रिक वाहनों और अन्य उभरती प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में अपने कर्मचारियों को हुनरमंद बनाएगी. इसके तहत उसने पांच साल के भीतर अपने कुल कार्यबल के 50 प्रतिशत से अधिक को अत्याधुनिक वाहन तकनीकी क्षमताओं से लैस करने की योजना बनायी है.
कंपनी ने कहा कि यह कुशल और भविष्य के लिये कर्मचारियों को तैयार करने की उसकी रणनीति का हिस्सा है. कंपनी में 57,000 से अधिक कर्मचारी काम कर करते हैं.
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टाटा मोटर्स ने कर्मचारियों को हुनरमंद बनाने को लेकर पेशेवर प्रमाणन कार्यक्रम के लिये एआरएआई (ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया), बॉश, मैथवर्क्स, एसएई और टाटा टेक्नोलॉजीज जैसे अन्य संगठनों के साथ गठजोड़ किया है.
टाटा मोटर्स के उपाध्यक्ष (मानव संसाधन, यात्री वाहन और इलेक्ट्रिक वाहन) सीताराम कांडी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम जिस उद्योग में काम करते हैं, उसमें आगे रहने और भविष्य के लिये तैयार रहने को लेकर लागातर कौशल को निखारने तथा प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है.’’
कंपनी ने उद्योग के विभिन्न खंडों में काम करने वाले कर्मचारियों को जरूरत के अनुसार तकनीक और कौशल से युक्त करने की योजना बनायी है. कांडी ने कहा कि कंपनी ने कर्मचारियों को कुशल बनाने के लिये अपने विभिन्न कारखानों के आसपास स्थानीय विश्वविद्यालयों के साथ साझेदारी में विशेष पाठ्यक्रम भी बनाये हैं.
कंपनी ने अपने कर्मचारियों के लिये बिट्स पिलानी, एमआईटी-एडीटी यूनिवर्सिटी पुणे, इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी निरमा यूनिवर्सिटी, सिम्बायोसिस इंटरनेशनल, गणपत यूनिवर्सिटी, डीवाई पाटिल इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी, ऑक्सफोर्ड पॉलिटेक्निक, एआरकेए जैन यूनिवर्सिटी और एमिटी यूनिवर्सिटी सहित विभिन्न संस्थानों के साथ गठजोड़ किया है.