टाटा बनाएगी हेलिकॉप्टर! एयर टैक्सी के रूप में किया जाएगा इस्तेमाल, एयरबस के साथ समझौता
एच125 हेलीकॉप्टर एक बहुमुखी हेलीकॉप्टर है जिसका उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है, जिसमें निजी परिवहन, आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं, आपदा प्रबंधन और पुलिसिंग शामिल हैं. यह हेलीकॉप्टर किसी भी मौसम में उड़ान भरने में सक्षम है और माउंट एवरेस्ट पर उतरने वाला एकमात्र सिंगल-इंजन हेलीकॉप्टर है.
टाटा समूह और एयरबस ने भारत में हेलीकॉप्टर बनाने के लिए एक समझौता किया है. इस समझौते के तहत, टाटा समूह की सहायक कंपनी टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) एयरबस के साथ मिलकर गुजरात के वडोदरा में एक हेलीकॉप्टर निर्माण संयंत्र स्थापित करेगी. इस संयंत्र में एयरबस एच125 हेलीकॉप्टर का निर्माण किया जाएगा. पहले मेड इन इंडिया एच125 की डिलिवरी 2026 के शुरू होने की उम्मीद है.
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एच125 हेलीकॉप्टर एक बहुउद्देशीय हेलीकॉप्टर
एच125 हेलीकॉप्टर एक बहुउद्देशीय हेलीकॉप्टर है जिसका उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है, जिसमें निजी परिवहन, आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं, आपदा प्रबंधन और पुलिसिंग शामिल हैं. यह हेलीकॉप्टर किसी भी मौसम में उड़ान भरने में सक्षम है और माउंट एवरेस्ट पर उतरने वाला एकमात्र सिंगल-इंजन हेलीकॉप्टर है.
यह समझौता भारत के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि
यह समझौता भारत के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है. यह भारत में हेलीकॉप्टर निर्माण उद्योग के विकास को बढ़ावा देगा और देश को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगा. यह समझौता भारत और पड़ोसी देशों के बीच व्यापार और सहयोग को भी बढ़ावा देगा.
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मेड इन इंडिया हेलीकॉप्टर
एयरबस के सीईओ गुइलाम फाउरी ने कहा कि यह समझौता भारत के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है. उन्होंने कहा कि मेड इन इंडिया हेलीकॉप्टर न केवल आत्मविश्वास से भरे नए भारत का प्रतीक होगा, बल्कि देश में हेलीकॉप्टर बाजार की वास्तविक क्षमता को भी सामने लाएगा.
एयरोस्पेस उद्योग में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर
टाटा समूह के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने कहा कि यह समझौता भारत के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है. उन्होंने कहा कि यह समझौता भारत के एयरोस्पेस उद्योग में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है और देश को एक प्रमुख वैश्विक एयरोस्पेस केंद्र के रूप में स्थापित करने में मदद करेगा.
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