Teachers Day Special: आज शिक्षक दिवस है. जीवन में शिक्षक की जगह कोई नहीं ले सकता है. गुरु की इसी महानता का द्योतक है यह कहावत- गुरु बिन ज्ञान कहां! लेकिन इंटरनेट के जमाने में गुरु का महत्व कुछ कम होने लगा है. इंस्टैंट जानकारी के चक्कर में लोग इंटरनेट पर कुछ भी सर्च कर उसका जवाब निकाल लेते हैं. लेकिन यहां ध्यान रखनेवाली बात यह है कि इंटरनेट पर दी गई हर जानकारी सही नहीं होती. इंटरनेट के इस दौर में गूगल और व्हाट्सऐप जानकारी के सबसे बड़े स्रोत में शामिल हैं. कितनी सही होती है इनकी इंफॉर्मेशन, आइए जानें-
आजकल की डिजिटल होती दुनिया में सबसे लोकप्रिय गुरु, गूगल बाबा बने हुए हैं. जिन समस्याओं का समाधान बड़े-बड़े ज्ञाताओं के पास नहीं है, गूगल गुरु उस समस्या का हल मिनटों में तुम्हारे सामने हाजिर कर देते हैं. वे सिर्फ गुरु ही नहीं, बल्कि ज्ञान की खान हैं. बस एक क्लिक पर आउटपुट मिल जाता है. आधुनिक जमाने में कहा जाता है कि ‘गूगल इज द व ऑफ लाइफ’. माना कि इस गुरु से ज्ञान प्राप्त करना आसान है, लेकिन वास्तविकता यह है कि इससे प्राप्त ज्ञान हमेशा सही नहीं होता. अतः गूगल से मिली जानकारी की सत्यता को किसी और माध्यम से भी अवश्य जांच कर लें, नहीं तो लेने के देने पड़ सकते हैं. गूगल गुरु कभी भी एक शिक्षक का विकल्प नहीं बन पाएगा.
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पिछले कुछ समय से गूगल गुरु से भी तेजी से व्हाट्सऐप गुरु सुबह से रात तक ज्ञान बांटते रहते हैं. इसके माध्यम से तो बिन मांगे ज्ञान की बरसात होती रहती है. गुड मॉर्निंग – गुड इवनिंग मैसेज, जोक्स से लेकर कभी किसी बीमारी के नुस्खे, तो कभी सामाजिक आर्थिक या मानसिक परेशानियों के हल. कभी किसी बाबा का चमत्कार, तो कभी धर्म संबंधी भड़काऊ उल्टी-सीधी बातें हमार स्मार्टफोन तक पहुंच जाती हैं. हमें ऐसी बातों से रहना चाहिए. जिस तरह किसी भी बीमारी के नुस्खे अपनाने के पहले डॉक्टर की सलाह जरूरी होती है, उसी तरह अपनी अन्य परेशानियों के समाधान के लिए यहां से मिली जानकारी की जगह बड़े-बुजुर्गों की सलाह में ही समझदारी है.