DND रजिस्ट्रेशन के बाद भी 95% यूजर्स हैं अनचाहे कॉल्स से परेशान, जानें क्या कहती है रिपोर्ट

दूरसंचार नियामक ट्राई के पास 'डू नॉट डिस्टर्ब' सर्विस के लिए रजिस्ट्रेशन कराने के बाद भी मोबाइल सर्विस यूजर्स के एक बड़े वर्ग को अवांछित कॉल और एसएमएस संदेशों से छुटकारा नहीं मिल पा रहा है. जानें क्या कहती है रिपोर्ट-

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 22, 2022 7:06 PM
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Do Not Disturb Report: दूरसंचार नियामक ट्राई के पास ‘डू नॉट डिस्टर्ब’ सर्विस के लिए रजिस्ट्रेशन कराने के बाद भी मोबाइल सर्विस यूजर्स के एक बड़े वर्ग को अवांछित कॉल और एसएमएस संदेशों से छुटकारा नहीं मिल पा रहा है. ऑनलाइन मंच ‘लोकलसर्किल्स’ के एक सर्वे में यह पाया गया है कि लगभग 95 प्रतिशत प्रतिभागियों को ‘डू नॉट डिस्टर्ब’ सेवा के तहत पंजीकरण कराने के बावजूद अवांछित कॉल एवं संदेश मिल रहे हैं.

64% लोगों को हर दिन तीन-चार ‘स्पैम’ कॉल आती रहती हैं

देश के 377 जिलों में 10 मार्च से 10 मई के बीच कराये गए इस सर्वे में लगभग 37,000 मोबाइल यूजर्स से राय ली गई. इसमें पाया गया कि 64 प्रतिशत लोगों को हर दिन औसतन तीन-चार ‘स्पैम’ कॉल आती रहती हैं. लोकलसर्किल्स ने अपनी सर्वे रिपोर्ट में कहा, कई लोगों के पास धोखाधड़ी करने की नीयत रखने वाले एवं टेलीमार्केटिंग से जुड़े लोगों की अवांछित कॉल आती रहती हैं. ऐसा ‘डू नॉट डिस्टर्ब’ पंजीकरण कराने के बावजूद हो रहा है.

नॉन-रजिस्टर्ड टेलीमार्केटिंग वालों पर काबू पाना अब भी चुनौती

इस बारे में संपर्क किये जाने पर भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अवांछित कॉल की समस्या दूर करने के लिए नियामक ने ब्लॉकचेन-आधारित तकनीक का इस्तेमाल करना शुरू किया है लेकिन गैर-पंजीकृत टेलीमार्केटिंग वालों पर काबू पाना अभी चुनौती बना हुआ है. दूरसंचार विभाग ने पिछले साल अवांछित कॉल के लिए जुर्माना बढ़ाया था. अब 10 बार तक उल्लंघन करने पर 1,000 रुपये और 50 से ज्यादा बार उल्लंघन करने पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगने का प्रावधान है. (इनपुट : भाषा)

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