OTT संचार सेवाओं के लिए एक जैसे हों नियम, COAI ने की सबके लिए समान अवसर देने की वकालत
'ओटीटी' या 'ओवर दी टॉप' संचार ऐप मसलन व्हॉट्सऐप तथा अन्य वॉयस और वीडियो कॉल की सुविधा देती हैं. सीओएआई ने कहा कि नियामकीय शर्तें एवं व्यवहार एक जैसी कंपनियों पर एक समान लागू होने चाहिए.
OTT Rules: दूरसंचार परिचालकों के संगठन सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) ने ओटीटी संचार सेवाओं के संबंध में ‘समान सेवा, समान नियमों’ की जोरदार वकालत करते हुए कहा है कि सभी प्रौद्योगिकियों के लिए एक जैसे अवसर देने की जरूरत है.
‘ओटीटी’ या ‘ओवर दी टॉप’ संचार ऐप मसलन व्हॉट्सऐप तथा अन्य वॉयस और वीडियो कॉल की सुविधा देती हैं. सीओएआई ने बयान में कहा कि नियामकीय शर्तें एवं व्यवहार एक जैसी कंपनियों पर एक समान लागू होने चाहिए. उसने आगे कहा, सभी प्रौद्योगिकियों के लिए समान अवसरों की जरूरत है.
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ओटीटी संचार सेवाओं के लिए ‘समान सेवा के लिए समान नियम’ होने चाहिए, जिससे उद्योग में निष्पक्ष एवं स्वस्थ प्रतिस्पर्धा हो. उद्योग संगठन ने हाल में जारी भारतीय दूरसंचार विधेयक-2022 के मसौदे में ओटीटी संचार सेवाओं को शामिल करने का स्वागत करते हुए कहा कि विधेयक के मसौदे में इन सेवाओं की व्याख्या करने की जरूरत है. उसने दावा किया कि भ्रामक विचारों के आधार पर कुछ हलकों का ऐसा मानना है कि ओटीटी सेवाओं पर ‘समान सेवा समान नियम’ का सिद्धांत लागू नहीं हो पाएगा.
सीओएआई ने कहा, यह कहना गलत है कि दूरसंचार सेवाएं और ओटीटी एप्लिकेशन एक स्तर पर काम नहीं करते. कॉल (वॉयस/वीडियो) जैसी सेवाएं चाहे दूरसंचार सेवाप्रदाता देते हों या फिर ओटीटी ऐप, ये समान स्तर पर परिचालन करते हैं.