उत्तर प्रदेश सरकार ने नोएडा में 17 लाख वाहन चालान माफ करने का फैसला किया है. यह फैसला 1 अप्रैल 2018 से 31 दिसंबर 2021 तक के चालानों पर लागू होगा. चालान माफ करने के लिए कोई आवेदन करने की आवश्यकता नहीं है. चालान का रिकॉर्ड एनआईसी की वेबसाइट पर अपडेट हो जाएगा. चालान माफ होने के बाद, वाहन मालिकों को कोई जुर्माना नहीं भरना होगा.
चालान माफ करने के पीछे सरकार का उद्देश्य लोगों को राहत देना और ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार करना है. सरकार का मानना है कि चालान माफ करने से लोग ट्रैफिक नियमों का पालन करने के लिए अधिक प्रेरित होंगे.
नोएडा में माफ किए जाने वाले चालानों की संख्या इस प्रकार है:
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सहायक संभागीय परिवहन विभाग द्वारा किए गए चालान: 4,99,999
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ट्रैफिक पुलिस द्वारा किए गए चालान: 12,89,464
कुल: 17,89,463
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लोगों को राहत देना: नोएडा में 17 लाख से अधिक चालान काटने से लोगों पर आर्थिक बोझ पड़ा है. चालान माफ करने से लोगों को राहत मिलेगी.
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ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार करना: चालान माफ करने से लोग ट्रैफिक नियमों का पालन करने के लिए अधिक प्रेरित होंगे. इससे ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार होगा.
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ट्रैफिक पुलिस पर दबाव कम करना: चालान माफ करने से ट्रैफिक पुलिस पर दबाव कम होगा. इससे पुलिस अन्य महत्वपूर्ण कार्यों पर ध्यान केंद्रित कर सकेगी.
चालान माफ करने के लिए कोई आवेदन करने की आवश्यकता नहीं है. चालान का रिकॉर्ड एनआईसी की वेबसाइट पर अपडेट हो जाएगा. चालान माफ होने के बाद, वाहन मालिकों को कोई जुर्माना नहीं भरना होगा. चालान माफ होने की स्थिति में, वाहन मालिकों को अपनी ई-चालान वेबसाइट पर जाकर चेक करना चाहिए. यदि चालान माफ हो गया है, तो वाहन मालिकों को कोई जुर्माना नहीं भरना होगा.
चालान माफ करने के फैसले को आम तौर पर लोगों ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है. लोगों का मानना है कि यह फैसला एक अच्छी पहल है. इससे लोगों को राहत मिलेगी और ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार होगा. कुछ लोगों का मानना है कि चालान माफ करने से ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने के लिए लोगों को प्रोत्साहन मिलेगा. हालांकि, सरकार का मानना है कि चालान माफ करने से लोग ट्रैफिक नियमों का पालन करने के लिए अधिक प्रेरित होंगे
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