Scrappage Policy 2021: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को संसद में नयी वाहन स्क्रैप पॉलिसी का एलान करते हुए इसे ऑटोमोबाइल क्षेत्र के लिए बड़ा सुधार बताया. इसका मकसद पुराने वाहनों को हटाना है, क्योंकि नये वाहन के मुकाबले उनसे 10 गुना ज्यादा तक प्रदूषण होता है. स्क्रैप पॉलिसी को लोकप्रिय बनाने के लिए सरकार ने कई घोषणाएं की हैं. स्क्रैप सर्टिफिकेट देने पर नयी कार की कीमत में पांच फीसदी छूट का प्रस्ताव किया गया है.
इसके अलावा रोड टैक्स में 25% छूट देने के लिए राज्य सरकारों को कहा जायेगा. व्यावसायिक वाहनों के लिए यह छूट 15% होगी. साथ ही, पंजीकरण शुल्क माफ होगा. स्क्रैप करने के लिए दिये गये पुराने वाहन की कीमत नये वाहन की शोरूम कीमत की चार से छह फीसदी होगी. नयी नीति में 15 साल से ज्यादा पुराने वाहनों के दोबारा पंजीकरण के लिए मोटी रकम चुकानी होगी.
गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में स्क्रैप पॉलिसी लाने की घोषणा की थी. सभी गैर व्यावसायिक वाहनों का पंजीकरण 15 साल के लिए होता है.नयी नीति के तहत फिटनेस टेस्ट के बाद दोबारा पंजीकरण कराया जाता है, लेकिन शुल्क ज्यादा देना होगा. जैसे, पुरानी मोटरसाइकिल के लिए पुन: पंजीकरण की मौजूदा फीस 300 रुपये हैं, जो बढ़ कर 1000 रुपये हो जायेगी.
जबकि कार और जीप का पुन: पंजीकरण शुल्क 500 रुपये से बढ़ कर 5 हजार रुपये और व्यावसायिक वाहनों के लिए 1500 रुपये से बढ़ कर 12,500 रुपये हो जायेगा. नये नियम एक अक्तूबर 2021 से लागू होंगे. लोकसभा में स्क्रैप पॉलिसी पेश करते हुए गडकरी ने कहा कि इससे सड़क सुरक्षा में सुधार होगा, क्योंकि नये वाहन बेहतर सेफ्टी फीचर से लैस हैं.
उन्होंने कहा कि स्क्रैप के प्लास्टिक, स्टील और तांबे इत्यादि का दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है और इस प्रकार वाहनों की लागत कम हो सकती है. उन्होंने कहा कि केंद्र, राज्य, पीएसयू और सभी सरकारी संस्थाओं के 15 साल पुराने वाहनों की भी स्क्रैपिंग होगी, जिसके लिए 1 अप्रैल, 2022 की समय सीमा तय की गयी है. नयी पॉलिसी पर आम लोग 30 दिनों तक सुझाव दे सकेंगे.
अभी ऑटोमोबाइल क्षेत्र का आकार 4.50 लाख करोड़ रुपये का है, जो अगले पांच वर्षों में बढ़कर 10 लाख करोड़ रुपये का होने की उम्मीद है. इस नीति के दायरे में 20 साल से ज्यादा पुराने लगभग 51 लाख हल्के मोटर वाहन (एलएमवी) और 15 साल से अधिक पुराने 34 लाख अन्य एलएमवी आयेंगे. साथ ही, 15 लाख मध्यम और भारी मोटर वाहन भी आयेंगे जो 15 साल से अधिक पुराने हैं और जिनके पास फिटनेस प्रमाण पत्र नहीं हैं. ये वाहन हटेंगे, तो इनकी जगह पर नये वाहन आयेंगे. इस नीति से जीएसटी संग्रह में 40 हजार करोड़ रुपये में इजाफा होगा और 35 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा.
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में कुछ सदस्यों के सवालों के जवाब में कहा कि पिछली सरकारों के दौरान कई स्थानों पर शहरी इलाकों के भीतर टोल प्लाजा बनाये गये. इन्हें हटाने का काम एक साल में पूरा हो जायेगा. उन्होंने कहा कि आनेवाले दिनों में गाड़ियों में जीपीएस सिस्टम लगाया जायेगा, जिसकी मदद से टोल शुल्क का भुगतान हो सकेगा. इसके बाद शहर के अंदर इस तरह के टोल की जरूरत नहीं होगी.