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पेट्रोल-डीजल से नहीं अब हाइड्रोजन गैस से चलेंगी गाड़ियां, सरकार ने जारी की गाइडलाइन

भारत में पेट्रोल-डीजल का विकल्प तेजी से तलाशा जा रहा है. इसी के तहत सरकार की ओर से इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के साथ ही फ्लेक्स फ्यूल और हाइड्रोजन गैस को भी परिवहन क्षेत्र के साथ जोड़ने का प्रयास तेज है. इसी क्रम में सरकार ने हरित हाइड्रोजन को लेकर एक गाइडलाइन जारी किया है.

Hydrogen Fuel: भारत में अब पेट्रोल-डीजल का वैकल्पिक ईंधन तेजी से तलाशा जा रहा है और सरकार इसके लिए कई योजनाओं को भी अमलीजामा पहना रही है. खबर है कि देश में अब पेट्रोल और डीजल के बजाय हाइड्रोजन ईंधन से गाड़ियां चलेंगी. सरकार ने बुधवार 14 फरवरी 2024 को परिवहन क्षेत्र में बसों, ट्रकों और अन्य चार पहिए वाले वाहनों में ईंधन के तौर पर हरित हाइड्रोजन के इस्तेमाल के लिए पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने के लिए दिशा निर्देश जारी किए हैं. इसके साथ ही, सरकार ने राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन की शुरुआत भी कर दी है.

हरित हाइड्रोजन योजना पर 496 करोड़ खर्च करेगी सरकार

मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय नवीन नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि हरित हाइड्रोजन के इस्तेमाल के लिए बनाई गई योजना पर खर्च करने के लिए वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में करीब 496 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. इसके साथ ही, सरकार ने परिवहन क्षेत्र में हरित हाइड्रोजन के इस्तेमाल के लिए पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने को लेकर दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं.

कुछ सालों में नजर आने लगेंगी हाइड्रोजन से चलने वाली गाड़ियां

मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि परिवहन क्षेत्र में हरित हाइड्रोजन के इस्तेमाल के लिए पायलट प्रोजेक्ट को अमलीजामा पहनाने के लिए राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के तहत 14 फरवरी, 2024 को नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की ओर से दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. बयान में कहा गया है कि नवीकरणीय ऊर्जा और इलेक्ट्रोलाइजर की गिरती लागत के साथ उम्मीद यह की जा रही है कि हरित हाइड्रोजन से चलने वाले वाहन आने वाले कुछ सालों में सड़कों पर नजर आने लगेंगे.

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पायलट प्रोजेक्ट की जल्द शुरुआत करेगी सरकार

मंत्रालय की ओर से उम्मीद यह भी जाहिर की जा रही है कि आने वाले दिनों में हरित हाइड्रोजन से चलने वाले वाहनों के क्षेत्र में तेजी से आर्थिक और तकनीकी प्रगति होने की संभावना है. इन्हीं बातों के मद्देनजर मंत्रालय की ओर से राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के तहत अन्य पहलों के साथ-साथ परिवहन क्षेत्र में जीवाश्म ईंधन को हरित हाइड्रोजन और उसके डेरिवेटिव के साथ बदलने के लिए पायलट प्रोजेक्ट की जल्द ही शुरुआत करेगा.

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राजमार्ग मंत्रालय और एसआईए का लिया जाएगा सहयोग

नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की ओर से यह भी कहा गया है कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के साथ-साथ योजना कार्यान्वयन एजेंसियों (एसआईए) के सहयोग से पायलट प्रोजेक्ट को संचालित किया जाएगा. यह पायल प्रोजेक्ट फ्यूल सेल-आधारित प्रणोदन प्रौद्योगिकी और आंतरिक दहन इंजन-आधारित प्रणोदन प्रौद्योगिकी के आधार पर बसों, ट्रकों और चार पहिया वाहनों में ईंधन के रूप में हरित हाइड्रोजन के इस्तेमाल के लिए प्रौद्योगिकियों के विकास का समर्थन करेगा. योजना का अन्य जोर क्षेत्र हाइड्रोजन ईंधन भरने वाले स्टेशनों जैसे बुनियादी ढांचे के विकास का समर्थन करना है.

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