Viral Post: 5G की टेस्टिंग से देश में फैल रहा Coronavirus? दूरसंचार विभाग ने कही यह बात
Viral Post, 5G, Coronavirus: देशभर में फैस रही कोरोना वायरस की दूसरी लहर और 5जी तकनीक के बीच क्या कोई संबंध है. सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे ऐसे मैसेजेस को झूठ बताते हुए अब दूरसंचार विभाग ने कहा है कि 5जी तकनीक और कोविड-19 के प्रसार के बीच कोई संबंध नहीं है. विभाग ने लोगों से अपील की कि वे सोशल मीडिया पर फैल रहे इस तरह के आधारहीन एवं फर्जी संदेशों से गुमराह न हों.
Viral Post, 5G, Coronavirus: देशभर में फैस रही कोरोना वायरस की दूसरी लहर और 5जी तकनीक के बीच क्या कोई संबंध है. सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे ऐसे मैसेजेस को झूठ बताते हुए अब दूरसंचार विभाग ने कहा है कि 5जी तकनीक और कोविड-19 के प्रसार के बीच कोई संबंध नहीं है. विभाग ने लोगों से अपील की कि वे सोशल मीडिया पर फैल रहे इस तरह के आधारहीन एवं फर्जी संदेशों से गुमराह न हों.
मेरे साथ भी ऐसा हो रहा है इसे कोरोना समझू् या 5g testing समझू pic.twitter.com/A9zWz3J1XJ
— Nirma (@Nirma65459266) April 28, 2021
विभाग ने एक आधिकारिक बयान जारी कर कहा है कि यह दावा गलत है और इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है कि देश में 5जी ट्रायल या नेटवर्क से कोविड-19 बीमारी फैल रही है. बयान में कहा गया कि विभिन्न सोशल मीडिया मंचों पर गुमराह करने वाले कई संदेश फैले हुए हैं, जिनमें दावा किया गया है कि देश में महामारी की दूसरी लहर का कारण 5जी मोबाइल टावर के परीक्षण हैं.
मैं सुप्रीम कोर्ट से निवेदन करती हूँ की अविलंब 5G रेडियोधर्मी तरंगों को हवा में फैलाने पर रोक लगायें, कोरोना का सबसे बड़ा कारण 5G RADIATION है,मोदी सरकार और अंबानी अडानी को सब मालूम है। pic.twitter.com/ozSgLLtCdO
— DRx Chandan yadav (@chandan_drx) May 2, 2021
विभाग ने कहा, ये संदेश गलत हैं और पूरी तरह से बेबुनियाद हैं. इसलिए आम जनता को सूचित किया जाता है कि 5जी तकनीक एवं कोविड-19 के प्रसार में कोई संबंध नहीं है और उनसे अपील की जाती है कि वे इससे जुड़ी गलत सूचना एवं अफवाहों से गुमराह न हों. 5जी तकनीक और कोविड-19 महामारी के बीच संबंध होने के दावे गलत हैं और इनका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है.
आपको बता दें कि कोरोना वायरस के प्रसार को 5जी तकनीक से जोड़ते हुए सोशल मीडिया में हर रोज कोई न कोई पोस्ट किया जा रहा है. ऐसे मैसेज वायरल (Viral Message) होने के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से लेकर भारत सरकार की पत्र सूचना कार्यालय (PIB) और सेल्यूलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) जैसी प्रतिष्ठित संस्थाओं ने लोगों का भ्रम दूर करने की कोशिश की है. (इनपुट:भाषा)
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