Vivo को मिली राहत, खातों पर से प्रतिबंध हटा, कोर्ट ने दिया बैंक गारंटी देने का निर्देश
कुछ दिनों पहले चाइनीज स्मार्टफोन कंपनी Vivo पर ED ने अपना शिकंजा कसा था. ED ने Vivo पर मनी लॉन्ड्रिंग के केस के तहत उनके 44 ठिकानों पर एक साथ छापा मारा था.
Vivo Money Laundring Case: कुछ दिनों पहले चाइनीज स्मार्टफोन कंपनी Vivo पर ED ने अपना शिकंजा कसा था. आपको बता दें ED ने Vivo पर मनी लॉन्ड्रिंग के केस के तहत उनके 44 ठिकानों पर एक साथ छापा मारा था. Vivo के सभी खातों को फ्रीज कर दिया गया था. Vivo ने इस मामले में कोर्ट के सामने अपनी रिपोर्ट भी पेश की थी. Vivo की ओर उनके वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लथूरा और सिद्धार्थ अग्रवाल ने बताया कि खाते फ्रीज कर दिए जाने की वजह से कंपनी से सभी काम काज रुक गए हैं और तो और कर्मचारियों के वेतन को भी चुकाने में परेशानी हो रही है.
दिल्ली उच्च न्यायालय ने चीन की स्मार्टफोन निर्माता कंपनी वीवो के खिलाफ धन शोधन की जांच के संबंध में उसके विभिन्न बैंक खातों पर रोक लगाने के आदेश को रद्द करने का अनुरोध करने वाली उसकी याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय से बुधवार को जवाब मांगा. उच्च न्यायालय ने वीवो को एक सप्ताह के भीतर ईडी को 950 करोड़ रुपये की बैंक सुरक्षा गारंटी देने पर विभिन्न बैंक खातों के संचालन की भी मंजूरी दे दी. अदालत ने कंपनी से बैंक खातों में 251 करोड़ रुपये की बचत राशि रखने को भी कहा है, जो खातों पर रोक लगाए जाने के दौरान थी.
उच्च न्यायालय ने ईडी को याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का वक्त दिया और मामले पर अगली सुनवाई के लिए 28 जुलाई की तारीख तय कर दी. वीवो ने खातों पर रोक हटाने के अलावा कुछ देनदारी के निपटान के लिए बैंक खातों से लेनदेन करने की इजाजत भी मांगी थी. जांच एजेंसी ने पांच जुलाई को वीवो और उससे जुड़ी कंपनियों के खिलाफ धन शोधन की जांच में देशभर में कई स्थानों पर छापे मारे थे. ये छापे दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मेघालय और महाराष्ट्र समेत विभिन्न राज्यों में धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत मारे गए थे. (इनपुट:भाषा)