E-Highway क्या है? भारत के पहले इलेक्ट्रिक हाईवे के बारे यह है नितिन गडकरी का प्लान
देश में बढ़ रहे प्रदुषण को रोकने के लिए सरकार आये दिन कई तरह के कदम उठा रही है. सरकार अपनी नयी E-Highway योजना को लेकर आने की तैयारी कर रही है.
E-Highway Plan: देश में बढ़ रहे प्रदुषण को रोकने के लिए सरकार आये दिन कई तरह के कदम उठा रही है. सरकार ने देश में बढ़ रहे प्रदुषण को नियंत्रित करके घटाने के लिए कुछ ही समय पहले FAME-II प्रोग्राम के तहत सभी इलेक्ट्रिक वाहनों में सब्सिडी देने का फैसला किया था. FAME-II योजना के बाद अब सरकार अपने नयी योजना को लेकर आने की तैयारी कर रही है. तो चलिए सरकार की इस नयी नीति के बारे में जानते हैं विस्तार से.
E-Highway क्या है?
E-Highway हम उन सड़कों को कहते हैं जिनमें इलेक्ट्रिक वाहनों को ओवरहेड पावर लाइन के जरिये इलेक्ट्रिक वाहनों को बिजली प्रदान की जाती है. एक डिवाइस की मदद से इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज किया जाता है. इस प्रोग्राम के तहत दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के लिए एक अलग लेन का निर्माण किया जाने वाला है.
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दिल्ली से मुंबई के बीच बनेगी पहली E-Highway
भारत के परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इस बारे में बताते हुए कहा कि सरकार दिल्ली से लेकर मुंबई के बीच पहली E-Highway बनाने की योजना कर रही है. आपको बात दें उन्होंने गाड़ी के मालिकों से एथेनॉल, मेथेनॉल और ग्रीन हाइड्रोजन का इस्तेमाल शुरू करने के लिए भी आग्रह किया है. हाइड्रोलिक ट्रेलर ओनर्स एसोसिएशन द्वारा 11 जुलाई को आयोजित किये गए एक प्रोग्राम के दौरान नितिन गडकरी ने अपनी योजना के बारे में बताते हुए कहा- हम दिल्ली से लेकर मुंबई के बीच एक इलेक्ट्रिक हाईवे बनाने की योजना कर रहे हैं. आप ट्राली की तरह ही अब इसमें ट्रॉलीबस भी चला सकेंगे. आगे उन्होंने अपने इस नयी योजना के बारे में बताते हुए कहा कि भारत सरकार के कर्मचारी सुरंगों का निर्माण कर रहे हैं और इस कमा को पूरा करनेके लिए 2.5 लाख करोड़ रुपये निवेश किये जाएंगे.
E-Highway क्यों है खास
नितिन गडकरी ने E-Highway के बारे में बताते हुए कहा कि 1,300 किलोमीटर लम्बे इस हाईवे में अलग से एक इलेक्ट्रिक हाईवे लाइन का निर्माण किया जाएगा. इस हाईवे में ट्रक और बस 120 किलोमीटर की रफ़्तार से चलाये जा सकेंगे. इससे पहले साल 2016 में भी नितिन गडकरी ने भारत में भी स्वीडन की ही तरह E-Highway बनाने की बात कही थी.