Neuralink: Elon Musk की कंपनी न्यूरालिंक क्या करती है? आगे चलकर यह किस तरह के बदलाव लाएगी
Elon Musk फिलहाल अपनी Neuralink कंपनी के साथ मिलकर एक ऐसा चिप बना रहे हैं जिससे आने वाले समय में दिव्यांग व्यक्तियों को काफी सहूलियत होने वाली है. यह टेक्नोलॉजी आने वाली दुनिया को पूरी तरह से बदलकर रख देने की क्षमता रखती है.
Elon Musk Neuralink: बीते कुछ समय से एलन मस्क काफी चर्चे में रहे हैं. चाहे बात Twitter डील की हो या फिर Twitter के कर्मचारियों को काम से निकालने की उन्होंने हर तरह के बदलाव किये हैं. हाल ही में एक खबर आयी है जिससे पता चलता है कि Nueralink के साथ मिलकर इस समय Elon Musk एक बड़े बदलाव को लाने की तैयारी कर रहे है. अगर आप नहीं जानते तो बता दें Neuralink Elon Musk की ही कंपनी है. चलिए Elon Musk के इस कंपनी से जुड़ी बातों को विस्तार से जानते हैं,
जांच के दायरे में Elon Musk की Neuralink
Elon Musk की कंपनी Neuralink फिलहाल फेडरल इन्वेस्टीगेशन के दायरे में आ गयी है. बता दें Elon Musk और Neuralink इस समय मिलकर एक ऐसे ब्रेन चिप को डेवेलोप करने में लगे हुए थे जो कि दिव्यांगों या फिर बिना आंख वाले व्यक्तियों को देखने में मदद करने वाली थी. इस तकनीक को जल्द से जल्द पेश करने के लिए जानवरों पर परिक्षण भी किये जा रहे थे और इन्ही परीक्षणों की वजह से Elon Musk की Neuralink फेडरल इन्जवेस्टीगेशन के दायरे में आयी है.
Elon Musk की Neuralink क्या करती है ?
Elon Musk ने साल 2016 में कुछ इंजिनीयर्स के साथ मिलकर इस कंपनी की शुरुआत की थी. Elon Musk की Neuralink कंपनी ब्रेन पर लगाए जाने वाले चिप्स को बनाने का काम करती है. बता दें इस चिप को इंसानी दिमाग पर लगाया जा सकता है. दिमाग में लगाए जाने के बाद यह चिप दिव्यांग व्यक्तियों को चलने फिरने में और कम्यूनिकेट करने में मदद करता है. इस टेक्नोलॉजी की मदद से नेत्रहीन व्यक्तियों को उनकी दृष्टि भी लौटाई जा सकती है. Neuralink के डिवाइस में एक चिप लगा होता है जो न्यूरल सिग्नल को प्रोसेस और ट्रांसमिट करता है जिसे कंप्यूटर या फोन जैसे डिवाइस में ट्रांसमिट किया जा सकता है.
Neuralink चिप का क्या होगा असर
अगर यह टेक्नोलॉजी दुनिया के पास आ जाती है तो मानवजाति के लिए बहुत ही बड़ी उपलब्धि होगी. इस टेक्नोलॉजी की मदद से दिव्यांग व्यक्तियों को चलने फिरने में, नेत्रहीन व्यक्तियों को देखने में और कम्यूनिकेट करने में काफी सहूलियत हो जाएगी. कंपनी का मानना है कि एक बार अगर यह टेक्नोलॉजी आ जाती है तो इस टेक्नोलॉजी की मदद से मनुष्य सिर्फ सोच कर कंप्यूटर के माउस और कीबोर्ड का इस्तेमाल कर सकेंगे. केवल यही नहीं यह टेक्नोलॉजी मनुष्य को सिर्फ सोच कर टेक्स्ट मैसेज भेजने में भी सक्षम बनाएगी. कंपनी का यह भी मानना है कि यह उपकरण शरीर के अंदर तंत्रिका गतिविधियों को दोबारा शुरू करने की काबिलियत रखेगा, जिससे रीढ़ की हड्डी की चोट वाले लोगों को अंगों को एक जगह से दूसरे जगह जाने की अनुमति मिलेगी. सैन फ्रांसिस्को और ऑस्टिन स्थित कंपनी भी अल्जाइमर और डिमेंशिया जैसी न्यूरोलॉजिकल स्थितियों को ठीक करने की इच्छा रखती है.