Personal Data Protection Bill 2023: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने डिजिटल व्यक्तिगत सूचना संरक्षण (डीपीडीपी) विधेयक, 2023 के मसौदे को मंजूरी दे दी है. इसे संसद के आगामी मॉनसून सत्र में पेश किया जाएगा. विधेयक में नियमों के उल्लंघन के प्रत्येक मामले में संबंधित इकाई पर 250 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने का प्रस्ताव किया गया है. संसद का मॉनसून सत्र 20 जुलाई से शुरू होगा. विधेयक में पिछले मसौदे के लगभग सभी प्रावधानों को शामिल किया गया है. उस मसौदे को इलेक्ट्रॉनिक्स और आइटी मंत्रालय ने परामर्श के लिए जारी किया था. प्रस्तावित कानून में सरकारी विभागों को पूरी तरह से छूट नहीं दी गई है. नागरिकों को सिविल कोर्ट में मुआवजे का दावा करने का अधिकार होगा. विवादों के मामले में डेटा प्रोटेक्शन बोर्ड फैसला करेगा.
निजी डेटा के लिए यूजर्स की सहमति जरूरी
कानून लागू होने के बाद व्यक्तियों को अपने आंकड़े, उसके रखरखाव आदि के बारे में विवरण मांगने का अधिकार होगा. कानून बनने के बाद सार्वजनिक और निजी, दोनों तरह की कई संस्थाओं को निजी जानकारी एकत्र करने और संसाधित करने के लिए उपयोगकर्ताओं से सहमति लेने की जरूरत होगी. इस बिल के तहत व्यक्तिगत डेटा तभी प्रोसेस हो सकता है, जब व्यक्तिगत तौर पर इसके लिए सहमति दी गयी हो. मसौदे पर कुल मिलाकर लगभग 21,660 सुझाव प्राप्त हुए और उनमें से प्रत्येक पर विचार किया गया.
विधेयक का लक्ष्य कंपनियों को जवाबदेह बनाना
इस विधेयक पर काम पिछले साल 27 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शुरू हुआ था. विधेयक का लक्ष्य इंटरनेट कंपनियों, मोबाइल ऐप और निजी कंपनियों जैसी इकाइयों को ‘निजता के अधिकार’ के तहत नागरिकों की व्यक्तिगत जानकारी के संग्रह, भंडारण और प्रसंस्करण के बारे में और ज्यादा जिम्मेदार और जवाबदेह बनाना है.
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