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M&M यानी Mahindra & Muhammad से Mahindra & Mahindra बनने की क्या है कहानी? …पढ़ें

M&M, Mahindra & Muhammad, Mahindra & Mahindra : Mahindra & Mahindra कंपनी की स्थापना साल 1945 में हुई थी. उस समय कंपनी की स्थापना कैलाश चंद्र महिंद्रा और मलिक गुलाम मुहम्मद ने मिल कर की थी. उस समय कंपनी को M&M के नाम से जानते थे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 8, 2021 7:44 PM
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Mahindra & Mahindra कंपनी की स्थापना साल 1945 में हुई थी. उस समय कंपनी की स्थापना कैलाश चंद्र महिंद्रा और मलिक गुलाम मुहम्मद ने मिल कर की थी. उस समय कंपनी को M&M के नाम से जानते थे. बाद में मलिक गुलाम मुहम्मद के पाकिस्तान चले जाने के बाद केसी महिंद्रा ने अपने भाई जगदीश चंद्र महिंद्रा को पार्टनर बना लिया और कंपनी का नाम महिंद्रा एंड महिंद्रा हो गया.

Mahindra & Mahindra का व्यापार दुनिया के 100 से ज्यादा देशों में है. यह दुनिया की नंबर वन ट्रैक्टर निर्माता कंपनी भी है. महिंद्रा को ऑटो सेक्टर में बड़ा नाम माना जाता है. सात दशकों से ज्यादा समय से महिंद्रा कंपनी का व्यापार 22 अलग-अलग क्षेत्रों में है.

कंपनी के बारे में रोचक मीडिया में वायरल हो रही है. कंपनी का नाम Mahindra & Mahindra क्यों है? मालूम हो कि साल 1945 में महिंद्रा कंपनी की नींव रखी गयी थी. उस समय कंपनी के वर्तमान चेयरमैन आनंद महिंद्रा के दादा कैलाश चंद्र महिंद्रा और मलिक गुलाम मुहम्मद ने पार्टनरशिप में कंपनी की शुरुआत की थी.

कंपनी का नाम उस समय ही एम एंड एम (M&M) रखा गया था. इसका पूरा नाम महिंद्रा एंड मुहम्मद (Mahindra & Muhammad) था. उससमय कंपनी स्टील उत्पादन का काम करती थी. करीब दो साल बाद साल 1947 में देश का बंटवारा हो गया, भारत और पाकिस्तान.

देश के बंटवारे के बाद मलिक गुलाम मुहम्मद पाकिस्तान जाने का फैसला कर लिया. पाकिस्तान जाने के बाद मलिक गुलाम मुहम्मद पाकिस्तान के पहले वित्त मंत्री भी बने. बाद में वे पाकिस्तान के तीसरे गवर्नर जनरल के रूप में भी कार्य किया था.

मालूम हो कि पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना ने भी विप्रो के संस्थापक अजीम प्रेमजी के पिता मोहम्मद हाशिम प्रेमजी को पाकिस्तान में स्थापित होने की गुजारिश की थी. साथ ही वित्त मंत्री बनने का ऑफर भी दिया था. लेकिन, मोहम्मद हाशिम प्रेमजी ने इनकार कर दिया था.

M&M को लोग जानने लगे थे. इसलिए मलिक गुलाम मुहम्मद के पाकिस्तान चले जाने के कारण कैलाश चंद्र महिंद्रा ने अपने भाई जगदीश चंद्र महिंद्रा को बिजनेस पार्टनर बना लिया. इसके बाद महिंद्रा एंड मुहम्मद का नाम बदल कर महिंद्रा एंड महिंद्रा कर दिया गया. अगर मलिक गुलाम मुहम्मद भारत में रहते तो कंपनी का नाम महिंद्रा एंड मुहम्मद ही होता.

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