WhatsApp ने बैन किये 22 लाख से ज्यादा भारतीय अकाउंट, कहीं आप भी तो नहीं कर रहे यह गलती?
व्हाट्सऐप ने जून, 2022 के दौरान 22 लाख से अधिक भारतीयों के खातों पर प्रतिबंध लगाया है. मेटा के स्वामित्व वाले संदेश मंच ने उपयोगकर्ताओं से प्राप्त शिकायतों के आधार पर और उल्लंघनों का पता लगाने के लिए अपने स्वयं के तंत्र के माध्यम से यह कार्रवाई की है.
WhatsApp Ban: मेटा के स्वामित्व वाले व्हाट्सऐप (Meta-owned WhatsApp) ने जून, 2022 के दौरान 22 लाख से अधिक भारतीयों के अकाउंट पर बैन लगा दिया है. मैसेजिंग प्लैटफॉर्म ने यूजर्स से प्राप्त शिकायतों के आधार पर और उल्लंघनों का पता लगाने के लिए अपने स्वयं के टेक्नोलॉजी की मदद से यह कार्रवाई की है.
व्हाट्सऐप ने जून, 2022 के दौरान 22 लाख से अधिक भारतीयों के खातों पर प्रतिबंध लगाया है. मेटा के स्वामित्व वाले संदेश मंच ने उपयोगकर्ताओं से प्राप्त शिकायतों के आधार पर और उल्लंघनों का पता लगाने के लिए अपने स्वयं के तंत्र के माध्यम से यह कार्रवाई की है.
कंपनी ने इससे पहले मई में 19 लाख, अप्रैल में 16 लाख और मार्च में 18.05 लाख खातों पर प्रतिबंध लगाया था. पिछले साल लागू हुए नये सूचना प्रौद्योगिकी नियमों के तहत, बड़े डिजिटल मंच (50 लाख से अधिक उपयोगकर्ताओं वाले) को हर महीने अनुपालन रिपोर्ट प्रकाशित करना, प्राप्त शिकायतों और की गई कार्रवाई के विवरण का उल्लेख करना अनिवार्य है. व्हाट्सऐप के प्रवक्ता ने ताजा मासिक रिपोर्ट में कहा, कंपनी ने जून माह के दौरान 22 लाख खातों को बंद किया.
कार्रवाई की वजह क्या है?
कंपनी के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि व्हाट्सऐप एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग सर्विस के बीच दुरुपयोग को रोकने में एक इंडस्ट्री लीडर है. प्रवक्ता ने कहा कि वर्षों से हमने लगातार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और अन्य अत्याधुनिक तकनीक, डेटा वैज्ञानिकों, विशेषज्ञों और प्रक्रियाओं में निवेश किया है. हमारे यूजर्स को हमारे प्लैटफॉर्म पर सुरक्षित रखने के लिए यह कार्रवाई की गई है.
जून 2022 के दौरान कंपनी को 632 शिकायतों की रिपोर्ट प्राप्त हुई और 64 अकाउंट पर कार्रवाई की गई. प्राप्त कुल रिपोर्टों में से 426 प्रतिबंध लगाने की अपील से संबंधित थीं, जबकि अन्य अकाउंट समर्थन, उत्पाद समर्थन और सुरक्षा की कैटेगरी में थे. रिपोर्ट में कहा गया है कि व्हाट्सऐप को प्राप्त सभी शिकायतों का जवाब दिया जाता है, उन मामलों को छोड़कर जहां किसी शिकायत को पिछली शिकायत का डुप्लिकेट माना जाता है.
आपको बता दें कि इससे पहले बड़ी सोशल मीडिया कंपनियों की अभद्र भाषा, गलत सूचना और अपने प्लैटफॉर्म पर प्रसारित होने वाली फर्जी खबरों को लेकर आलोचना झेलनी पड़ी है. कई बार सामग्री को हटाने में मनमानी करने, डिजिटल प्लैटफॉर्म से यूजर्स को हटाने पर भी चिंता जतायी गई है. (इनपुट : भाषा)