WhatsApp ने दूसरी ‘यूजर सेफ्टी मंथली रिपोर्ट’ में बताया है कि 16 जून से 31 जुलाई के बीच 46 दिनों में 30 लाख 27 हजार से ज्यादा अकाउंट्स को ब्लॉक कर दिया है. साथ ही कहा है कि ऑनलाइन एब्यूज रोकने और उपयोगकर्ताओं को सुरक्षित रखने के लिए अकाउंट्स को बैन किया गया है.
बैन अकाउंट्स में अधिकतर ऐसे अकाउंट्स हैं, जिन पर एक्शन कंपनी की पॉलिसी और उपयोगकर्ताओं की रिपोर्ट्स के आधार पर लिया गया है. कंपनी का कहना है कि हमारा मेन फोकस अकाउंट्स को ऑटोमेटेड बल्क स्पैम भेजने से रोकने पर है.
WhatsApp ने बिहेवियरल सिग्नल, अनएनक्रिप्टेड इंफॉर्मेशन (जैसे- यूजर रिपोर्ट्स, प्रोफाइल फोटोज, ग्रुप फोटोज और डिस्क्रिप्शन) का इस्तेमाल किया. साथ ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एब्यूज रोकने के लिए AI टूल्स समेत अन्य रिसोर्स की भी मदद ली है.
WhatsApp के मुताबिक, बैन अकाउंट्स में से 95 फीसदी से अधिक ऑटोमेटेड या बल्क मैसेजिंग के अनऑथराइज्ड उपयोग के कारण हुआ है. कंपनी भारतीय अकाउंट्स को +91 फोन नंबर के जरिये पहचानती है. साथ ही कहा है कि गलत एक्टिविटी को पहले रोकना नुकसान होने के बाद पता लगाने से बेहतर है.
WhatsApp ने कहा कि 16 जून से 31 जुलाई के बीच करीब 594 शिकायतें मिलीं थीं. अपील, प्रोडक्ट सपोर्ट, अकाउंट सपोर्ट और सेफ्टी सपोर्ट को लेकर यह बैन किया गया है. मालूम हो कि इस दरमियान फेसबुक ने नये आईटी कानून के तहत 33.3 मिलियन कंटेंट को लेकर कार्रवाई की है. जबकि, इंस्टाग्राम ने 2.8 मिलियन अकाउंट पर कार्रवाई की है.