WhatsApp Privacy Policy Controversy: सोशल मैसेंजर प्लैटफॉर्म व्हाट्सऐप ने भारत में 15 मई से लागू होने वाली नयी प्राइवेसी पॉलिसी को फिलहाल टाल दिया है. लेकिन फिर भी प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर विवाद थमा नहीं है. केंद्र सरकार ने कड़ा रुख अख्तियार किया है. सरकार ने व्हाट्सऐप को नयी पॉलिसी वापस लेने के लिए सात दिन का नोटिस दिया है. वहीं दिल्ली हाईकोर्ट में भी यह मामला विचाराधीन है. बता दें कि व्हाट्सऐप के लिए भारत सबसे बड़ा बाजार है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक भारत में व्हाट्सऐप के करीब 53 करोड़ यूजर्स हैं.
सरकार ने व्हाट्सऐप को अपनी नयी निजता नीति वापस लेने का निर्देश दिया है. सरकार ने व्हाट्सऐप से कहा कि निजता नीति में बदलाव गोपनीयता और डेटा सुरक्षा के मूल्यों को कमजोर करते हैं और भारतीय नागरिकों के अधिकारों को नुकसान पहुंचाते हैं. सरकार ने व्हाट्सऐप को नोटिस का जवाब देने के लिए सात दिन का समय दिया है और अगर कोई संतुष्ट जवाब नहीं मिलता है, तो कानून के मुताबिक जरूरी कदम उठाए जाएंगे.
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने 18 मई को कंपनी को एक पत्र लिखकर कहा कि सात दिन के भीतर संतोषजनक जवाब न मिलने पर कानून के अनुरूप जरूरी कदम उठाये जाएंगे. रिपोर्ट्स के मुताबिक, मंत्रालय ने मामले पर कड़ा रुख अपनाते हुए साफ किया कि यह न केवल परेशान करने वाली बात है, बल्कि ऐसे में जब बहुत सारे लोग रोजाना के संवाद के लिए व्हाट्सऐप पर निर्भर करते हैं, मैसेजिंग ऐप का भारतीय उपयोगकर्ताओं पर अनुचित नियम एवं शर्तें थोपने के लिए अपनी स्थिति का इस्तेमाल करना गैरजिम्मेदाराना है.
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मंत्रालय ने अपने पत्र में व्हाट्सऐप का इस बात की तरफ ध्यान दिलाया कि किस तरह उसकी निजता नीति मौजूदा भारतीय कानूनों और नियमों के कई प्रावधानों का उल्लंघन करती है. रिपोर्ट्स की मानें, तो भारतीय नागरिकों के अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए सरकार भारतीय कानूनों के तहत उपलब्ध विभिन्न विकल्पों पर विचार करेगी. मंत्रालय ने व्हाट्सऐप द्वारा यूरोपीय उपयोगकर्ताओं की तुलना में भारतीय उपयोगकर्ताओं के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार के मुद्दे को भी दृढ़ता से उठाया है. बताया जा रहा है कि मंत्रालय ने दिल्ली उच्च न्यायालय में भी यही रुख अपनाया है, जहां यह मामला विचाराधीन है.
गौरतलब है कि व्हाट्सऐप ने अपने उपयोगकर्ताओं के लिए निजता नीति में किये गए बदलाव लागू करने के लिए 15 मई की समयसीमा तय की थी, लेकिन बाद में यह समयसीमा रद्द कर दी गई. इससे पहले इस हफ्ते कंपनी ने दिल्ली उच्च न्यायालय से यह कहा था कि नयी शर्तों को न मानने पर किसी भी उपयोगकर्ता का खाता बंद नहीं किया जाएगा. हालांकि कंपनी ने अपने नये फैसले में कहा कि शर्तें स्वीकार न करने वाले उपयोगकर्ता ऐप पर आने वाली सामान्य कॉल और वीडियो कॉल जैसी कुछ सुविधाओं का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे. (इनपुट : भाषा)