नई दिल्ली : फेस्टिव सीजन के लिए देसी-विदेशी दोपहिया वाहन बनाने वाली कंपनियां भारत के बाजार में नई-नई मोटरसाइकिल और स्कूटरों को लॉन्च कर रही हैं. इनके डिजाइन इतने आकर्षक और मनमोहक बनाए गए हैं कि उन्हें देखते ही लोगों का मन ललचा जाता है. इतना ही नहीं, अब तक लोगों की च्वॉइस को देखते हुए दोपहिया वाहन निर्माता कंपनियां इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों को भी बाजार में ताबड़तोड़ पेश कर रही हैं. इसमें ग्राहकों को लुभाने के लिए चंद्रयान की थीम से लेकर गैलेक्सी थीम वाली मोटरसाइकिल और स्कूटर को डिजाइन किया जा रहा है. लेकिन, इसमें सबसे जरूरी और काम की चीज मोटरसाइकिलों या स्कूटरों का ब्रेकिंग सिस्टम है. किसी भी गाड़ी में ब्रेक सबसे जरूरी है. तो हम आपको बता दें कि दोपहिया वाहन बनाने वाली कंपनियां मोटरसाइकिल और स्कूटरों में दो तरह के ब्रेक लगाती हैं. इसमें एक ड्रम वाला ब्रेक और दूसरा डिस्क वाला ब्रेक शामिल है. अब सवाल यह पैदा होता है कि ग्राहकों के लिए किस ब्रेकिंग सिस्टम वाली मोटरसाइकिल या स्कूटर फायदेमंद होगी? आइए, हम जानते हैं कि आपके लिए कौन सा ब्रेकिंग सिस्टम मुनाफे का सौदा साबित हो सकता है. जब आप यह जान लेंगे, तो आपको बाइक परचेज करना आसान हो जाएगा.
क्या होता है ड्रम ब्रेक
सबसे पहले आपको हम ड्रम ब्रेक के बारे में बताना चाहेंगे कि यह क्या होता है और कैसे काम करता है. आपको बता दें कि ड्रम ब्रेक सिस्टम में पहियों को ब्रेक ड्रम से जोड़ा जाता है. ब्रेक ड्रम के रोटेशन के साथ ही पहिया घूमता है और पहियों को रोकने का काम ब्रेक ड्रम करता है. इसकी प्रक्रिया डिस्क ब्रेक की प्रक्रिया के समान ही होती है. हालांकि, ड्रम ब्रेक सिस्टम में कोई ब्रेक पैड या कॉलिपर नहीं होता है. इसके बजाय ब्रेक शूज ड्रम ब्रेक को रोकने का काम करते हैं और इसे सक्रिय होते ही पहिये रुक जाते हैं.
कैसा होता डिस्क ब्रेक
बाजार में डिस्क ब्रेक काफी लोकप्रिय है. डिस्क ब्रेक में रोटर या फिर ब्रेक डिस्क का इस्तेमाल किया जाता है. इसमें गाड़ियों के पहिये रोटर से जुड़े हुए होते हैं. रोटर के रुकने पर पहियों का घूमना बंद हो जाता है. पहियों को रोकने के लिए डिस्क ब्रेक सिस्टम हाइड्रोलिक तारों के माध्यम से ब्रेक पैड पर पावर डालता है. इससे पैड और रोटर के बीच का घर्षण पहिये की गति को धीमा कर देता है.
ड्रम ब्रेक के फायदे
गाड़ियों में ड्रम ब्रेक लगाने का फायदा यह होता है कि इसके लिए आपको डिस्क ब्रेक के मुकाबले पैसा कम खर्च करना पड़ता है. ड्रम ब्रेक की कीमत डिस्क ब्रेक के मुकाबले काफी कम होता है. इसलिए ड्रम ब्रेक वाली गाड़ियां अक्सर सस्ती हो जाती हैं. इसके अलावा ज्यादा सरफेस एरिया की वजह से इसकी उम्र भी लंबी होती है. वाहनों में ड्रम ब्रेक्स लगे होने से व्हील सिलेंडर के साथ काम करना आसान हो जाता है.
डिस्क ब्रेक में मिलती है ये सुविधाएं
अब आपको यह भी बता दें कि गाड़ियों में डिस्क ब्रेक लगाने का सबसे बड़ा फायदा होता है कि यह ज्यादा गर्मी में भी सही तरीके से काम करता रहता है. हालांकि, ड्रम ब्रेक ज्यादा गर्मी पड़ने पर ठीक से काम नहीं कर पाता है. अत्यधिक गर्मी पड़ने पर ड्रम ब्रेक्स में लगे ब्रेकिंग फ्लूइड भाप बनकर उड़ जाते हैं, जिससे यह सही से काम नहीं करता. वहीं, दूसरी तरफ डिस्क ब्रेक का रखरखाव काफी आसान है, क्योंकि कैलिपर को मरम्मत के लिए स्वतंत्र रूप से हटाया जा सकता है.
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किस बाइक में लगता ड्रम ब्रेक और क्या है लागत
भारत में बिकने वाली करीब-करीब सभी बाइक्स में ड्रम ब्रेक लगा होता है. ये ब्रेक-शू की मदद से काम करता और इसकी मेंटेनेंस भी ज्यादा नहीं है. डिस्क ब्रेक वाले मॉडल के हिसाब से 5,000 से 10,000 रुपये सस्ते होते हैं. 100 से 125 सीसी की बाइक के लिए ड्रम ब्रेक सही माना जाता है. ड्रम ब्रेक आसानी से इतनी पावर हैंडल कर लेता है.
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किस बाइक में लगता है डिस्क ब्रेक
डिस्क ब्रेक 125 cc बाइक्स और स्कूटर्स के साथ आते हैं. ये काफी पावरफुल होते हैं. आप इन ब्रेक्स को इस्तेमाल कर के अपनी बाइक या स्कूटर को तुरंत रोक सकते हैं. डिस्क ब्रेक, ड्रम ब्रेक की तुलना में रुकने में कम टाइम लगता है. हालांकि 135 सीसी की बाइक में डिस्क ब्रेक को परफेक्ट माना जाता है. 135 और 150 सीसी कैपेसिटी की बाइक के लिए सिंगल डिस्क ब्रेक परफेक्ट माने जाते हैं. अब आप खुद ही तय कर लें कि आपके लिए किस ब्रेकिंग सिस्टम वाली बाइक्स माकूल और फायदेमंद साबित होगी.