Google Doodle Today: कौन थीं यूनिस न्यूटन फूटे ? गूगल ने 204वें जन्मदिन के मौके पर डूडल बनाकर किया याद

अगर आप यूनिस न्यूटन फूटे के बारे में जानने में दिलचस्पी रखते हैं तो बता दें उन्होंने पहली बार ग्रीनहाउस इफ़ेक्ट और पृथ्वी की जलवायु के गर्म होने में इसकी भूमिका की खोज करके जलवायु विज्ञान में महत्वपूर्ण योगदान दिया था.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 17, 2023 7:50 AM

Google Doodle Today: टेक जायंट कंपनी गूगल आये दिन अपने प्लैटफॉर्म पर कई तरह के डूडल प्रकाशित करता रहता है. अक्सर ये जो डूडल होते हैं वे किसी खास व्यक्ति या फिर इवेंट से जुड़े हुए होते हैं. गूगल ने आज भी अपने प्लैटफॉर्म पर एक डूडल जारी किया है. अगर आप अपने स्मार्टफोन/डेस्कटॉप पर गूगल ओपन करेंगे तो इसे होम पेज पर ही देख सकेंगे. ऐसे में अगर आपने भी आज गूगल का यह डूडल देखा है और आपके मन में जिज्ञासा उठी है कि, आखिर यह डूडल है क्या और किस पर आधारित है तो आज हम इस डूडल से जुडी हर जानकारी आपको देने वाले हैं. बता दें आज का डूडल अमेरिकी वैज्ञानिक और महिला अधिकार कार्यकर्ता यूनिस न्यूटन फूटे पर आधारित है और गूगल आज उनकी 204वीं जयंती मना रहा है. लेकिन, ये थीं कौन ? चलिए जानते हैं विस्तार से.

फूटे का जन्म 1819 में कनेक्टिकट में हुआ

अगर आप यूनिस न्यूटन फूटे के बारे में जानने में दिलचस्पी रखते हैं तो बता दें उन्होंने पहली बार ग्रीनहाउस इफ़ेक्ट और पृथ्वी की जलवायु के गर्म होने में इसकी भूमिका की खोज करके जलवायु विज्ञान में महत्वपूर्ण योगदान दिया था. फूटे का जन्म साल 1819 में कनेक्टिकट में हुआ था, उन्होंने ट्रॉय फीमेल सेमिनरी नामक एक स्कूल में पढ़ाई की, यह स्कूल छात्रों को विज्ञान कक्षाओं में हिस्सा लेने और प्रयोगों के लिए रसायन विज्ञान प्रयोगशालाओं में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करता था. उसी समय से विज्ञान फूटे का आजीवन जुनून बन गया था. फूटे ने साल 1856 में एक प्रयोग किया जिसने आज जलवायु परिवर्तन की समझ को आकार दिया. इस प्रयोग में अलग-अलग तरह के गैसों को सिलेंडरों में रखना और अवलोकन के लिए उन सभी को सूर्य के प्रकाश में उजागर करना शामिल था.

फिजिक्स अध्ययन प्रस्तुत करने वाली पहली महिला

अपने प्रयोग के बाद फूटे ने पाया कि कार्बन डाइऑक्साइड अन्य गैसों की तुलना में ज्यादा गर्म हो गई है. ऐसा होने पर उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि कार्बन डाइऑक्साइड अकेले पृथ्वी के तापमान को बदलने की क्षमता रखती है क्योंकि इसका पृथ्वी पर सबसे अधिक ताप प्रभाव है. ऐसा होने की वजह से उनके मन में उत्सुकता जागी और वह कार्बन डाइऑक्साइड के लेवल और वायुमंडल के गर्म होने के बीच संबंध की खोज करने वाली पहली वैज्ञानिक बन गईं. वायुमंडलीय स्थैतिक बिजली पर उनका दूसरा अध्ययन जर्नल प्रोसीडिंग्स ऑफ द अमेरिकन एसोसिएशन फॉर द एडवांसमेंट ऑफ साइंस में प्रकाशित हुआ था. केवल यहीं नहीं, फूटे यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका में दो फिजिक्स अध्ययन प्रस्तुत करने वाली पहली महिला वैज्ञानिक बन गईं.

महिलाओं से जुड़ा रहा फूटे का जीवन

दो अध्ययनों को प्रकाशित करने के बाद, फ़ुटे के काम को अमेरिकन एसोसिएशन फ़ॉर द एडवांसमेंट ऑफ़ साइंस की वार्षिक बैठक में एक पुरुष वैज्ञानिक द्वारा प्रस्तुत किया गया था. इसका परिणाम यह निकला कि, एक प्रयोग हुआ जिसने ‘ग्रीनहाउस इफेक्ट’ की समझ और मतलब की खोज की. फूटे का जीवन महिलाओं के प्रति भी काफी जुड़ा हुआ रहा. उन्होंने अपने पूरे जीवन में महिलाओं के अधिकारों के लिए प्रचार करने में भी अपना काफी समय दिया. फूटे ने साल 1848 में सेनेका फॉल्स में पहले महिला अधिकार सम्मेलन में हिस्सा लिया. इस दौरान वह भावनाओं की घोषणा की पांचवीं हस्ताक्षरकर्ता भी बन गयीं. जानकारी के लिए बता दिन यह एक डॉक्युमेंट थी जो महिलाओं के लिए सामाजिक और कानूनी स्थिति में समानता की मांग करती थी.

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