Wonder Woman: मिलिए देश की पहली महिला ट्रक मेकैनिक से, मिनटों में ठीक कर देती हैं भारी भरकम टायर
Wonder Woman, Shanti Devi, First Woman Truck Mechanic: ट्रक मेकैनिक के रूप में आज तक आपने केवल पुरुषों को ही देखा होगा और इस रूप में महिला की कल्पना शायद ही कभी की होगी. लेकिन 60 साल की शांति देवी के बारे में जानकर आपको अपनी यह धारणा बदलनी होगी, कि पुरुष प्रधान क्षेत्रों में महिलाएं अपना दमखम नहीं दिखा सकती हैं.
Wonder Woman, Shanti Devi, First Woman Truck Mechanic: ट्रक मेकैनिक के रूप में आज तक आपने केवल पुरुषों को ही देखा होगा और इस रूप में महिला की कल्पना शायद ही कभी की होगी. लेकिन 60 साल की शांति देवी के बारे में जानकर आपको अपनी यह धारणा बदलनी होगी, कि पुरुष प्रधान क्षेत्रों में महिलाएं अपना दमखम नहीं दिखा सकती हैं.
मिनटों में ठीक कर देती हैं ट्रक के बड़े-बड़े टायर्सदिल्ली के बाहरी इलाके में नेशनल हाइवे 4 पर संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर डिपो है, जहां आपको शांति देवी ट्रकों के बीच काम करती दिख जाएंगी. शांति देवी को भारत की पहली महिला मैकेनिक माना जाता है, जो ट्रकों को चुटकियों में ठीक कर देती हैं. ट्रक के बड़े-बड़े टायरों को बदलना उनके लिए बाएं हाथ का काम है.
25 साल से ज्यादा समय से ट्रकों के पंचर लगाती आ रहीं शांति देवी ने मुश्किल समय देखा है और जिंदगी से उनकी लड़ाई आज भी जारी है. उन्होंने अपने हौसले के दम पर खुद का रास्ता बनाया है. शांति देवी इस उम्र में भी इतनी मेहनत का काम करती हैं, जो अच्छे-अच्छे युवकों के भी बस की बात नहीं.
Also Read: Ration Card को Aadhaar से Online कराएं Link, ढेरों हैं इसके फायदे कभी आसान नहीं रहा सफरशांति देवी दिल्ली की सड़कों पर गुजर रहे लोगों की गाड़ी के पंचर टायर ठीक करती है. इन गाड़ियों में चाहे कार हो या ट्रक हो, वो चंद मिनटों में भारी भरकम टायरों को खोलकर उनका पंक्चर ठीक कर देती हैं. लेकिन उनके लिए यह सफर कभी आसान नहीं रहा. होश संभालते ही पेट पालने के लिए मेहनत मजदूरी करना शुरू कर दिया.
इसलिए अपनाया यह कामशांति देवी ने आगे चलकर दिल्ली के संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर में चाय की छोटी सी दुकान लगायी. लेकिन वहां कमाई कम थी. आसपास ट्रक और दूसरी गाड़ियों की मरम्मत करनेवाले गैराज थे. पति से प्रोत्साहन पाकर शांति धीरे-धीरे इस काम में उतर गयीं. आज की तारीख में शांति देवी एक चर्चित नाम है. शांति बताती हैं कि चाय की दुकान पर काम करती, तो दिनभर में बमुश्किल 250 से 300 रुपये कमा पाती, वहीं पंचर की दुकान पर काम कर वह हर दिन 1000 रुपये तक कमा लेती हैं.
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