आप न काहू काम के, डार-पात फल-फूल !!
औरन को रोकत फिरैं, रहिमन पेड़ बबूल !!
अर्थात
जैसे बबूल के पेड़ के पत्ते, फल, फूल, डालें आदि किसी काम के नहीं होते और दूसरे पेड़ों को फलने-फूलने से रोकते हैं, वैसे ही बबूल जैसे दुर्जन लोग दूसरों की उन्नति से ईर्ष्या करके उनके मार्ग में अवरोध खड़े करते हैं. ऐसे लोगों से बचना चाहिए.