ओछो काम बड़ो करैं, तौ न बड़ाई होय !!
ज्यों रहीम हनुमंत को, गिरिधर कहै न कोय !!
अर्थात
कोई छोटा आदमी या छोटा मोटा सेवक कोई बड़ा काम करे तो उसका नाम नहीं होता. जैसे राम सेवक हनुमान ने त्रेतायुग में संजीवनी के लिए पूरा का पूरा पहाड़ उखाड़ लिया था, तब भी उनका गुनगान कोई नहीं करता. लेकिन भगवान श्रीकृष्ण ने उंगली पर पहाड़ उठाया तो उन्हें ‘गिरिधर’ कहा जाने लगा.