16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

कठिन वक्त में जरूरी है धैर्य

।। विजय बहादुर ।। vijay@prabhatkhabar.in ट्विटर पर फॉलो करें फेसबुक पर फॉलो करें सब्सक्राइब करें उतार चढ़ाव जीवन का हिस्सा है. कभी खुशी, तो कभी गम. दुनिया में शायद ही कोई ऐसा इंसान होगा, जिसे किसी भी तरह की परेशानी न हो. किसी को आर्थिक, किसी को मानसिक, तो कोई शारीरिक परेशानी से जूझ रहा […]

।। विजय बहादुर ।।

vijay@prabhatkhabar.in

ट्विटर पर फॉलो करें

फेसबुक पर फॉलो करें

सब्सक्राइब करें

उतार चढ़ाव जीवन का हिस्सा है. कभी खुशी, तो कभी गम. दुनिया में शायद ही कोई ऐसा इंसान होगा, जिसे किसी भी तरह की परेशानी न हो. किसी को आर्थिक, किसी को मानसिक, तो कोई शारीरिक परेशानी से जूझ रहा है. जीवन में कभी ऐसे भी क्षण आते हैं, जब लगता है कि अपना सौ प्रतिशत देने के बावजूद रिजल्ट अपेक्षा के अनुरूप नहीं है. बार-बार कोशिश करने के बाद भी परिणाम उत्साहजनक नहीं है.

ये किसी भी इंसान के जीवन का सबसे कठिन समय होता है, जब वह न सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से भी टूट जाता है.

सवाल यही है कि ऐसे हालात में हम क्या करें? हाल में आपने ये खबर सुनी होगी कि बीसीसीआइ ने महेंद्र सिंह धौनी को अपने कॉन्ट्रैक्ट लिस्ट से बाहर कर दिया है. उसके बाद ये कयास लगने लगे कि बीसीसीआइ ने धौनी को संन्यास लेने के लिए इशारा कर दिया है.

उसके अगले ही दिन ये खबर आयी कि धौनी ने रांची के जेएससीए स्टेडियम में प्रैक्टिस शुरू कर दी है. आपको जुलाई 2019 में भारत और न्यूजीलैंड के बीच का सेमीफाइनल मैच याद होगा, जब धौनी के आउट होते ही भारत के वर्ल्डकप जीतने का सपना टूट गया और धौनी जब आंखों में आंसू लिए बाहर जाने लगे, तो पूरा हिंदुस्तान रो पड़ा. हार की टीस इसलिए भी बढ़ गयी थी क्योंकि हर क्रिकेट प्रेमी ये मानकर चल रहा था कि धौनी का ये अंतिम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच है और धौनी संन्यास की घोषणा कर देंगे, लेकिन धौनी ने संन्यास की घोषणा नहीं की और अगले महीने कश्मीर में आर्मी कैंप में होनेवाली ट्रेनिंग में शामिल हो गये.

वर्ल्ड कप को गुजरे लगभग छह महीने हो गये हैं, लेकिन आज भी यक्ष प्रश्न यही है कि धौनी संन्यास की घोषणा कब करेंगे? उनके दिमाग में आखिर चल क्या रहा है?

क्रिकेट वर्ल्ड कप 2019 के पहले के समय को याद करें. क्रिकेट के अधिकतर समीक्षक कह रहे थे, चूंकि अब महेंद्र सिंह धोनी पहले की तरह मैच फिनिश नहीं कर पा रहे हैं इसलिए उन्हें संन्यास लेकर ऋषभ पंत, रिद्धिमान साहा, ईशान किशन और संजू सैमसंग जैसे नवोदित प्लेयर्स को मौका देना चाहिए, लेकिन अब छह महीने बाद जब से धौनी ने अस्थायी रूप से खेल से विराम लिया है, हर गुजरे मैच के बाद लोगों को धौनी की याद आ रही है. मैच फिनिश करने, डीआरएस लेने में कोई चूक हो रही हो या विकेटकीपिंग में कोई कैच छूट रहा हो. हर बार समीक्षक और क्रिकेट प्रेमी जो उनके संन्यास ले लेने की बात करते थे, आज कह रहे हैं कि अभी के खिलाड़ियों से बेहतर तो अपना धौनी ही था.

लगता है धौनी की रणनीति काम कर रही है. जब वक्त उनके हिसाब से नहीं था. उन्होंने शांत रहकर बेहतर वक्त का इंतजार किया.

बात सिर्फ धौनी की नहीं है. कोई आम हो या खास. अगर वक्त आपके हिसाब से नहीं हो, तो बेहतर होगा कि आप शांतचित्त रहें. आत्ममंथन करें और हालात बेहतर होने का इंतजार करें.

कहने का आशय ये है कि वक्त आपके अनुरूप न हो या हवा आपके विपरीत चल रही हो, तो उससे टकराने के बजाय शांत बैठना ज्यादा समझदारी है. समुद्र की लहरें जब सामने आती हैं, तो सीना सामने करने से बेहतर है झुक जाना या लहरों के साथ आगे बढ़ जाना.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें