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शराब और सामाजिक मान्यता के बीच प्रधान गये जेल, अब शादी नहीं हुई तो दुल्हन घोषित हो जायेगी विधवा, जानें पूरा मामला

एक तरफ कानून तो दुसरी तरफ आदिवासी समाज की कथित मान्यता के बीच उलझकर एक आदिवासी युवती की शादी रुक जाने का मामला सामने आया है. घर से शराब मिलने के कारण गांव के प्रधान को जेल भेज दिया गया. इस कारण रस्म पूरी नहीं हो पायी और शादी रुक गयी. मामले को लेकर थाना क्षेत्र के लौंगाय पंचायत के कुशाहा गांव निवासी दिनेश मुर्मू पिता रसिकलाल मुर्मू ने डीएम, एसपी, स्थानीय बीडीओ व थाना को आवेदन देकर अपनी बहन की शादी करवाने की मांग की है.

एक तरफ कानून तो दुसरी तरफ आदिवासी समाज की कथित मान्यता के बीच उलझकर एक आदिवासी युवती की शादी रुक जाने का मामला सामने आया है. घर से शराब मिलने के कारण गांव के प्रधान को जेल भेज दिया गया. इस कारण रस्म पूरी नहीं हो पायी और शादी रुक गयी. मामले को लेकर थाना क्षेत्र के लौंगाय पंचायत के कुशाहा गांव निवासी दिनेश मुर्मू पिता रसिकलाल मुर्मू ने डीएम, एसपी, स्थानीय बीडीओ व थाना को आवेदन देकर अपनी बहन की शादी करवाने की मांग की है.

न्याय की गुहार लगा रहे आदिवासी समाज के महिला व पुरुष

आदिवासी समाज के महिला व पुरुषों ने मंगलवार को प्रखंड कार्यालय पहुंचकर मामले की शिकायत बीडीओ अभिनव भारती से की. मौके पर बिजली मुर्मू, नारंग देवी, मुन्नू मरांडी, राधा मुर्मू, मीरा मुर्मू, मीरू हांसदा, पार्वती किस्कु, मदन सोरेन, विनोद हांसदा, दिनेश मुर्मू, जीतलाल हांसदा, रानी मुर्मू, सुहागिनी हेंब्रम, ललिता मुर्मू आदि ने न्याय की गुहार लगायी है. वहीं पूर्व एमएलसी संजय कुमार से भी मिलकर इस मामले में सहयोग का अनुरोध किया गया है.

क्या है मामला :

दिनेश मूर्मू की बहन बासमती मुर्मू की शादी बौंसी थाना क्षेत्र के शोभा गांव निवासी अरविंद मरांडी के साथ तय हुई थी. पांच अप्रैल को निर्धारित तिथि पर बरात गांव भी आयी. आदिवासी परंपरा के अनुसार गांव के प्रधान गोपाल सोरेन को ही शादी के सारे रस्म को पूरा करना था. इसी दौरान वहां पुलिस आ पहुंची और घर से शराब मिलने के आरोप में गांव के प्रधान को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. बिना प्रधान के आदिवासी समुदाय में शादी का रस्म नहीं होता है.

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आदिवासी परंपरा और कानून के बीच पेंच

आदिवासी परंपरा के अनुसार देवी-देवताओं को चढ़ावा में शराब चढ़ाया जाता है. इसके लिए लगभग दो लीटर शराब घर में रखा गया था. लेकिन पुलिस के अनुसार 13 लीटर शराब बरामद हुआ. कहा जा रहा है कि प्रधान के आने के बाद ही शादी होगी. फिलवक्त दुल्हे के साथ बराती गांव में डेरा डाले हुए हैं. कथित परंपरा के अनुसार शादी के बाद ही दुल्हा अपनी दुल्हन को लेकर गांव में प्रवेश कर सकता है, या फिर युवती को विधवा घोषित करना होगा. शादी रुक जाने से लड़की के पिता भी बेचैन हैं.

कहते हैं बीडीओ :

बीडीओ अभिनव भारती ने कहा कि पीड़ित का आवेदन प्राप्त हुआ है. मामले की जानकारी डीएम को दी गयी है. चूंकि मामला न्यायालय के अधीन है. ऐसे में किसी भी तरह का हस्तक्षेप असंभव है.

कहते हैं थानाध्यक्ष :

थानाध्यक्ष महेश्वर प्रसाद राय ने अपने ऊपर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया है. कहा कि शराबबंदी को क्षेत्र में शत प्रतिशत लागू करने के लिए पुलिस कटिबद्ध है. इसी आलोक में एंटी लिकर टीम के इंस्पेक्टर अजीत कुमार सिंह के नेतृत्व में गत सोमवार को गांव में छापामारी कर प्रधान के घर से 13 लीटर महुआ शराब बरामद किया गया. उसे गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में बांका जेल भेज दिया गया है.

किसी जाति विशेष के लिए कोई प्रावधान नहीं : प्रभारी एसपी

प्रभारी एसपी संजय कुमार ने बताया है कि शराबबंदी कानून का कड़ाई से पालन किया जा रहा है. शराबबंदी एक्ट में किसी जाति विशेष के लिए अलग से कोई प्रावधान नही है. कानून सबके लिए बराबर है. शादी होने व रुकने का मामला उनका निजी मामला है. कानून के तहत पुलिस अपना काम कर रही है.

मनमानी कर रहे हैं थानेदार : एमएलसी

पूर्व एमएलसी संजय कुमार ने कहा कि धार्मिक परंपरा के साथ खिलवाड़ करना पुलिस की मनमानी है. बेटी की शादी रुक गयी, जो काफी दु:खद है. थानाध्यक्ष मनमानी पर उतरे हुए है. आदिवासी समाज अपनी धार्मिक परंपराओं को निभाते हैं. इसके अंतर्गत देवी-देवताओं को भोग के स्वरूप दारू चढ़ाते हैं.

Posted By: Thakur Shaktilochan

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